नई दिल्ली: भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्त पोषित एक स्वायत्त संस्थान डीबीटी- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (एनआईबीएमजी), कल्याणी ने मुंह के कैंसर में जीनोमिक बदलाव का एक डेटाबेस तैयार किया है जो दुनिया में अपने प्रकार का पहला डेटाबेस है।
एनआईबीएमजी ने इस डेटाबेस को सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराया है। डीबीजेनवोक ओरल कैंसर के जीनोमिक वेरिएंट्स का ब्राउज करने योग्य ऑनलाइन डेटाबेस है और इसे मुफ्त उपलब्ध कराया गया है।
डीबीजेनवोक की पहली रिलीज में शामिल हैं
(i) 2.4 लाख सोमैटिक एवं जर्मलाइन वेरिएंट्स जो 100 भारतीय ओरल कैंसर रोगियों के होल एक्सोम सीक्वेंस और भारत के 5 ओरल कैंसर रोगियों के होल जीनोम सीक्वेंस से प्राप्त हुए हैं।
(ii) 220 रोगियों के नमूने से सोमैटिक वेरिएशन डेटा अमेरिका से लिए गए हैं और टीसीजीए- एचएनएससीसी परियोजना द्वारा उनका विश्लेषण किया है।
(iii) हाल ही में प्रकाशित पीर-रिव्यू प्रकाशनों से 118 रोगियों के वेरिएश्न डेटा को मैन्युअल तरीके से तैयार किया गया है। समुदाय द्वारा अनुमोदित सर्वोत्तम प्रथा प्रोटोकॉल द्वारा वेरिएंट की पहचान की गई और कई विश्लेषणात्मक पाइपलाइन का उपयोग करके टिप्पणी सहित उसे नोट किया गया।
डीबीजेनवोक केवल जीनोमिक वेरिएंट्स की एक सूची नहीं है बल्कि इसमें एक दमदार सर्च इंजन भी समाहित है।
यह एक उचित सीमा तक सांख्यिकीय एवं जैव सूचनात्मक विश्लेषण को ऑनलाइन करने की भी अनुमति देता है जिसमें ओरल कैंसर में संबद्ध परिवर्तित मार्ग में वेरिएंट की पहचान करना शामिल है।