भोपाल: मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने भले ही 28 में से 19 सीटों पर जीत हासिल कर ली हो, मगर पार्टी को मुरैना जिले में बड़ी हार का सामना करना पड़ा है यहां कुल पांच स्थानों पर चुनाव हुए थे जिनमें से तीन स्थानों पर भाजपा को हार मिली है।
राज्य में हुए विधानसभा के उपचुनाव में सबसे ज्यादा नजर ग्वालियर-चंबल इलाके पर रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि सबसे ज्यादा चुनाव इसी इलाके में हुए। यहां कुल 16 स्थानों पर चुनाव हुए जिनमें से 9 स्थानों पर भाजपा को जीत मिली है तो वहीं सात स्थानों पर कांग्रेस ने बाजी मारी है।
ग्वालियर-चंबल वह इलाका है, जहां से भाजपा के कई दिग्गजों का नाता है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रभात झा, राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाता भी इसी इलाके से है।
राज्य में मुरैना एक ऐसा जिला है जहां पांच विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हुए हैं। यह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का संसदीय क्षेत्र भी है। इन पांच विधानसभा क्षेत्रों में से तीन क्षेत्रों सुमावली, मुरैना और दिमनी में भाजपा को हार मिली है, जबकि अंबाह और जौरा से भाजपा के उम्मीदवार जीते हैं। हारने वालों में राज्य सरकार के दो मंत्री सुमावली से एदल सिंह कंसाना और दिमनी से गिरराज दंडोतिया शामिल हैं।
राजनीति के जानकारों की मानें तो कांग्रेस के जिन तीन उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है उनमें से दो सुमावली से अजब सिंह और दिमनी से रवींद्र सिंह तोमर का नाता भाजपा के एक बड़े नेता से रहा है।
राजनीतिक विश्लेषक राकेश अचल का कहना है कि मुरैना जिले में भाजपा की नैतिक हार हुई है, यह कहीं न कहीं रणनीति की चूक तो है ही इसके साथ ही स्थानीय नेतृत्व की कमजोरी को भी साबित करने वाला है।
यहां भाजपा ने उस तैयारी से चुनाव नहीं लड़ा जिसकी उसे जरुरत थी। नेता सक्रिय रहे यह दिखा, मगर जमीनी स्तर पर वह नहीं किया जिसकी जरुरत थी। इस हार में भी भाजपा के ही कुछ लोग अपनी जीत देख रहे है।