रांची : अगर आप रांची की सड़कों पर गाड़ी चलाते हैं, तो यह खबर आपके लिए ही है। खबर यह है कि रांची में कोई भी गाड़ी ड्राइव करते वक्त आपकी जरा सी लापरवाही आपके ड्राइविंग लाइसेंस पर तो भारी पड़ेगी ही, साथ ही आपको कानूनी पचड़े में पड़ने का सबब भी बन जायेगी।
दरअसल, रांची की सड़कों पर ट्रैफिक रूल तोड़ने पर रांची की ट्रैफिक पुलिस अब ऑन स्पॉट ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) जब्त कर लेगी। इसके बाद जब्त ड्राइविंग लाइसेंस को सस्पेंड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।
जिस शख्स का ड्राइविंग लाइसेंस ऑन स्पॉट जब्त किया जायेगा, रांची की ट्रैफिक पुलिस उस शख्स को इस जब्ती की रसीद भी ऑन स्पॉट दे देगी। इस पूरी सख्ती की तैयारी रांची ट्रैफिक पुलिस ने पूरी कर ली है।
इसके लिए ट्रैफिक पुलिस एक नया डिवाइस यूज करेगी, जिसका नाम है फील्ड ट्रैफिक वॉयलेशन रिकॉर्डर (एफटीवीआर)।
हालांकि, यह प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है, लेकिन बताया जा रहा है कि जल्द ही यह प्रक्रिया रांची में शुरू कर दी जायेगी।
ट्रैफिक एसपी द्वारा सभी ट्रैफिक पोस्ट पर नये फील्ड ट्रैफिक वॊयलेशन रिकॉर्डर (एफटीवीआर) दे दिया गया है। इस डिवाइस का ट्रायल रन भी किया जाना है।
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, इस ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के दौरान ट्रैफिक पुलिस ऑन स्पॉट डीएल जब्त कर इसी डिवाइस से एक जब्ती रसीद प्रिंट कर नियम तोड़नेवालों को दिया जायेगा। इसके बाद जब्त लाइसेंस को सस्पेंड करने की प्रक्रिया के लिए भेजा जायेगा।
ऐसा करने पर ऑन स्पॉट जब्त होगा ड्राइविंग लाइसेंस
ट्रिपल राइड, ड्रंक एंड ड्राइव, बिना हेलमेट, रैश ड्राइविंग, ओवर स्पीड पर ड्राइविंग लाइसेंस जब्त किया जायेगा।
इसके बाद डीटीओ से ड्राइविंग लाइसेंस को सस्पेंड करने की अनुसंशा की जायेगी। इस एफटीवीआर डिवाइस में ऑन स्पॉट फाइन पेमेंट की भी सुविधा है। इसमें पॉस मशीन जैसी सुविधा भी है।
डिवाइस के इस्तेमाल में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को ही हो रही परेशानी
रांची ट्रैफिक पुलिस के इस कदम का एक दूसरा पहलू भी सामने आया है। ट्रैफिक पुलिस को जो एफटीवीआर डिवाइस दिया गया है, वह ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। ट्रैफिक पुलिसकर्मी उसका इस्तेमाल कर पाने में परेशान हो रहे हैं।
एक तो इंटरनेट की समस्या, उस पर इसके फीचर से ट्रैफिक पुलिसकर्मी फैमिलियर नहीं हो पा रहे हैं। इस कारण इस नये एफटीवीआर डिवाइस का इस्तेमाल सही ढंग से नहीं हो पा रहा है।
जबकि, इसे ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के बीच उपलब्ध करवाने से पहले उन्हें ट्रेनिंग दी गयी थी, लेकिन इसके बावजूद इसका इस्तेमाल करने में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।