नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार का बहुप्रताक्षित पहला विस्तार हुआ।
इस दौरान 43 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की। जिसके बाद मोदी कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 78 हो गई।
इन्हीं मंत्रियों को लेकर चुनाव सुधारों के लिये काम करने वाले समूह एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट सामने आई है।
जिसके मुताबिक मंत्रिमंडल में शामिल 78 मंत्रियों में से 42 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एडीआर की रिपोर्ट के खुलासे में 78 मंत्रियों में से चार पर हत्या के प्रयास से संबंधित मामले भी हैं।
एडीआर ने चुनावी हलफनामों का हवाला देते हुए कहा कि इन सभी मंत्रियों के किए गए विश्लेषण में 33 फीसदी (42) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने का उल्लेख किया है।
करीब 24 या 31 फीसदी मंत्रियों ने हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती आदि समेत गंभीर आपराधिक मामलों को स्वीकार है।
जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल की अलीपुरद्वार से सांसद व अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री जॉन बरला पर गंभीर अपराध की धाराओं वाले मामले दर्ज हैं।
वहीं कूच बिहार के सांसद व गृह राज्यमंत्री निशित प्रमाणिक पर 21 गंभीर किस्म की धाराओं वाले 11 मामले हैं और वह 35 वर्ष के मंत्रिमंडल के सबसे युवा चेहरे भी हैं।
इसके अतिरिक्त प्रमाणिक, पंकज चौधरी और वी मुरलीधरन ने हत्या के प्रयास से जुड़े मामलों को स्वीकारा है।
मालूम हो कि मोदी मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों का विश्लेषण किया गया तो सामने आया कि 70 (90 फीसदी) करोड़पति हैं और प्रति मंत्री औसत संपत्ति 16.24 करोड़ रुपए है।
वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीयूष गोयल, नारायण तातु राणे और राजीव चंद्रशेखर ने 50 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का उल्लेख किया है।