पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता दरबार में विभिन्न जिलों से आए 250 लोगों की फरीयाद सुनी और उनकी समस्या का निराकरण करने का भी प्रयास किया।
सुपौल जिले से आये एक शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से कहा कि कागज पर अस्पताल चल रहा है। कागज पर ही आउटडोर चल रहा है और इलाज किया जा रहा।
सीएम नीतीश इस शिकायत को सुनने के बाद आश्चर्य चकित हो गए। उन्होंने तुरंत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को फोन लगाया और कहा कि प्रत्यय जी, सुपौल से एक शख्स आये हैं।
सुपौल के राघोपुर प्रखंड के राघोपुर पंचायत के हैं। ये कह रहे हैं कि कागज पर ही स्वास्थ्य केंद्र चलाया जा रहा है। कागज पर ही आउटडोर भी चल रहा। इस मामले को देखिए।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने फोन रख दिया। इसके बाद सुपौल से आये शिकायतकर्ता को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास भेज दिया गया।
बिहार में आंगनबाड़ी सेविकाओं को काम के बावजूद मानदेय का भुगतान नहीं होने का मामला भी मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंचा।
सीएम के जनता दरबार में पहुंचे एक शख्स ने कहा कि ढाई साल से उनकी पत्नी आंगनबाड़ी सेविका के तौर पर काम कर रही हैं लेकिन अब तक मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को पूरे राज्य में ऐसे मामलों की जांच कराने का निर्देश दिया।
सीएम नीतीश ने कहा कि जब ऐसे मामले जनता दरबार में आ रहे हैं, तो संभव है कि कई और जगहों पर भी मानदेय का भुगतान नहीं हो रहा हो।
समाज कल्याण विभाग के सचिव को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि तत्काल पूरे राज्य में ऐसे मामलों की जांच कराई जाए और अगर मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है तो इसे सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई आंगनबाड़ी सेविका के तौर पर काम कर रही है, तो उसे भुगतान होना चाहिए।
नीतीश सरकार ने सात निश्चय योजना के तहत बिहार में युवाओं के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की थी।
युवाओं को पढ़ाई के लिए सरकार की तरफ से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के जरिए राशि मुहैया कराई जाती थी लेकिन सरकार ने इस योजना में कई तरह की गड़बड़ी सामने आने के बाद बड़े बदलाव किए।
सरकार की तरफ से नियमों में किए गए बदलाव और नैक ग्रेडिंग वाले शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करने वाले युवाओं को ही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ दिए जाने का फैसला किया गया।
अब सरकार के इस फैसले के बाद छात्रों की परेशानी बढ़ी हुई है।
मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में आज स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से जुड़ी कई शिकायतें पहुंची।
फरियादियों ने मुख्यमंत्री से मांग की कि साल 2018-19 में एडमिशन लेने के बाद उन्हें स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पहली किस्त भी मिल चुकी थी लेकिन सरकार की तरफ से किए गए बदलाव के बाद अब राशि नहीं मिल पा रही है।
कई युवाओं की पढ़ाई योजना की राशि नहीं मिलने के कारण बाधित है। मुख्यमंत्री ने इन मामलों को गंभीरता से सुना।
इसके अलावा प्रोत्साहन राशि योजना का मामला भी मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंचा।
एक महिला शिकायतकर्ता शांति देवी ने मुख्यमंत्री ने फरियाद लगाई कि दबंगों ने हमारे साथ मारपीट की।
इसके बाद पुलिस ने आरोपितों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताया और कहा- अच्छा कमाल है।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत डीजीपी को तलब किया और कहा कि दबंगों ने इनके साथ मारपीट की।
गत 15 मई को केस हुआ लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मुख्यमंत्री ने डीजीपी को कहा कि इस मामले को देखिए।