नई दिल्ली: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। प्रदर्शनकारी किसानों ने साफ किया है कि वो इस मॉनसून सत्र के दौरान भी संसद के बाहर अपनी आवाज उठाएंगे।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘सरकार बातचीत करने की इच्छुक नहीं है। हम 22 जुलाई को संसद के बाहर जाकर बैठेंगे। 200 लोग वहां रोज जाएंगे।
राकेश टिकैत ने अपने ट्विटर हैंडल से एक पोस्टर जारी करते हुए लिखा कि ‘संसद अगर अहंकारी और अड़ियल हो तो देश में जनक्रांति निश्चित होती है।
जो पोस्टर राकेश टिकैत ने जारी किया है उसपर लिखा हुआ है कि किसान 22 जुलाई को संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
इस पोस्टर में संसद भवन की फोटो लगाई गई है, साथ ही एक ओर गेंहू की बालियां भी दिखाई गई है।
उसके नीचे बैकग्राउंड में किसानों का विरोध प्रदर्शन करते हुए फोटो भी लगाया गया है।
इसी पोस्टर में प्रदर्शन की तारीख 22 जुलाई लिखी गई है, सबसे नीचे हैशटैग करते हुए किसानों का संसद भवन पर प्रदर्शन लिखा गया है। बता दें कि संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है।
संसद के अंदर भी किसानों के मुद्दों पर विपक्षी सांसदों का हंगामा देखने को मिल सकता है।
इससे पहले राकेश टिकैट ने यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा और अहम बयान दिया था।
एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में उन्होंने यूपी में चुनाव लड़ने को लेकर कहा है- ‘हम चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन वोट की चोट देंगे।’
बता दें कि इससे पहले सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मॉनसून सत्र के दौरान मोर्चाबंदी करने का ऐलान किया था।
मोर्चा के सदस्यों की तरफ से कहा गया था कि पूरे मॉनसून सत्र के दौरान हर दिन विपक्षी पार्टियों को एक वार्निंग लेटर भेजा जाएगा।
इस लेटर के जरिए संसद के अंदर बैठे विपक्षी पार्टियों के सदस्यों से कहा जाएगा कि वो संसद में किसानों की आवाज को उठाएं।
इसके अलावा यह भी कहा गया था कि अलग-अलग किसान संगठनों के 5 सदस्य संसद के बाहर हर रोज प्रदर्शन करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक किसानों के मांग के समर्थन में संसद के बाहर करीब 200 किसान हर रोज प्रदर्शन करेंगे।