नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश के युवाओं का कौशल विकास एक राष्ट्रीय जरूरत है और यह आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा आधार है।
सरकार पिछले 6 वर्षों से नए संस्थान और पूर्ण क्षमता के साथ कौशल विकास मिशन को गति प्रदान करने में लगी है।
विश्व युवा कौशल दिवस पर देशभर के युवाओं को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार कौशल से जुड़ी हर तरह की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास कार्यक्रम चला रही है जिसके परिणामस्वरूप आज देश में 1.25 करोड़ युवाओं को ट्रेनिंग दी गई है।
उन्होंने कहा कि कौशल विकास मिशन के माध्यम से भारत सरकार डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के सपनों को साकार करने में लगी है।
वह हमेशा युवा और कमजोर वर्ग के कौशल विकास पर जोर देते थे। इसी दिशा में देश आदिवासी भाई-बहनों के डिजिटल और उद्यमिता से जुड़ी क्षमताएं विकसित करने के लिए योजना चला रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में कौशल से जुड़ी जरूरतों की मैपिंग की जा रही है।
भारत की कौशल विकास से जुड़ी सोच दुनिया के लिए स्मार्ट और कौशल संपन्न मानव संसाधन तैयार करना है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की परंपरा में कौशल को दिए जाने वाले महत्व को विशेष रूप से रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि गुलामी के एक कालखंड की वजह से भारत के समाज और शिक्षा तंत्र में कौशल का महत्व कम हो गया।
भारत में विश्वकर्मा की पूजा का महत्व भी रचनात्मक कार्य करने वाले कारीगरों को सम्मान देना रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कौशल विकास को गति मिली है।
इससे समाज भी अपनी कौशल क्षमताओं को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि कौशल के बिना समाज का अस्तित्व नहीं है।