नई दिल्ली: देश में इनदिनों कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट दिख रही है। कुछ विशेषज्ञ राहत की खबर बता रहे हैं, वहीं कुछ का मानना है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है।
वहीं अब एक ऐसी खबर सामने आई है खबर ने हर किसी को हैरान कर दिया है।
बेंगलुरु में कई मामले सामने आए हैं, जहां व्यक्ति के संक्रमित होने के बावजूद उसकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव दी गई है।
बेंगलुरु में अब तक इस तरह के आठ मामले सामने आ चुके हैं। इन सभी आठ मरीजों को कोविड-19 के लक्षण थे और उनकी हालत अस्पताल में भर्ती किए जाने वाली थी।
इन लोगों का सीटी स्कैन किए जाने के बाद उनमें संक्रमण की पुष्टि हुई। वहीं इसमें से दो मरीजों की मौत भी हो गई।
कर्नाटक की कोविड-19 टास्क फोर्स के सदस्य ने बताया कि ये एक समूह में आए मामलों में से हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जो लोग भी आरटी-पीसीआर टेस्ट में नेगेटिव होते हैं, लेकिन उनमें रोगसूचक लक्षण होते हैं, उन्हें सीटी स्कैन रिपोर्ट के बाद कोविड मरीजों की तरह की ट्रीट किया जाता है।
राज्य में इसतरह के 5-8 फीसदी मामले हैं। कभी कभी फिर से आरटी-पीसीआर टेस्ट करने से भी फायदा हो सकता है।
डॉक्टर्स का मानना है कि गलत आरटी-पीसीआर रिपोर्ट मरीजों को गुमराह कर सकती है क्योंकि वह कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने के लिए इस पर काफी भरोसा करते हैं।
एक अन्य डॉक्टर ने कहा कि करीब 10-15 फीसदी मामलों में आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव देखी गई है।
साथ ही उन्होंने इसके लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट किट की क्वालिटी को लेकर कहा कि नतीजों के लिए टेस्ट किट की क्वाटिली काफी अहम हो जाती है।
इसके बाद जो लोग टेस्ट में नेगेटिव पाए जाते हैं, उन्हें सीटी स्कैन कराने की सलाह दी जाती है।
डॉक्टरों का मानना है कि इसके लिए संक्रमित व्यक्ति के नमूने लेने का समय भी काफी अहम हो जाता है।
डॉक्टर्स का मानना है कि अगर किसी व्यक्ति का स्वाब संक्रमण के नौ दिन बाद लिया जाता है या फिर नमूने लेने के लंबे समय तक उनकी जांच नहीं की जाती तब भी ऐसी स्थिति बन सकती है।
साथ ही डॉक्टर्स का कहना है कि अगर लक्षण होने पर भी आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो भी व्यक्ति को सीबी-एनएएटी टेस्ट जरूर कराना चाहिए जिससे कि चीजें स्पष्ट हो जाती हैं।