नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के उस आदेश पर मुहर लगा दी है जिसमें एनजीटी ने कोरोना संकट के दौरान एनसीआर के सभी शहरों में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश दिया था।
जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि एनजीटी का फैसला सही है और इसमें दखल की कोई जरूरत नहीं है।
एनजीटी ने दो दिसम्बर, 2020 को देश के उन शहरों में भी पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दिया था जहां की वायु गुणवत्ता की श्रेणी खराब या उससे भी ऊपर की हो।
एनजीटी ने कहा था कि जिन शहरों की वायु प्रदूषण की क्वालिटी मॉडरेट या उससे नीचे की रहेगी वहां केवल ग्रीन पटाखे बेचने या इस्तेमाल करने की अनुमति होगी।
संबंधित राज्य सरकारें किसी खास त्योहार पर दो घंटे ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति दे सकती हैं।
त्योहारों को छोड़कर उन शहरों में पटाखों के सीमित इस्तेमाल की पूर्व अनुमति डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से लेनी होगी।
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति शहर की वायु गुणवत्ता के आधार पर देंगे।
एनजीटी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जिन शहरों की वायु प्रदूषण की क्वालिटी मॉडरेट या उससे नीचे की होगी वहां क्रिसमस या न्यू ईयर पर रात 11 बजकर 55 मिनट से लेकर साढ़े 12 बजे तक ग्रीन पटाखे के इस्तेमाल की अनुमति होगी।
एनजीटी ने निर्देश दिया था कि हर जिला मुख्यालय में वायु गुणवत्ता की मानिटरिंग के लिए एयर क्वालिटी मानिटरिंग स्टेशन स्थापित किया जाए। जहां ऐसे मानिटरिंग स्टेशन नहीं हैं वहां तीन महीने के अंदर एयर क्वालिटी मानिटरिंग स्टेशन स्थापित किए जाएं।
हर जिले की वायु गुणवत्ता संबंधी डाटा जिले की वेबसाईट पर अपलोड करने के अलावा शहर के मुख्य स्थानों पर प्रदर्शित किया जाए।