जयपुर: राजस्थान में कर चोरी की सूचना देने वाले लोगों को राज्य सरकार 1 से 25 लाख रुपये का इनाम देगी।
इसके लिए राज्य राजस्व आसूचना निदेशालय में संचालित मुखबिर प्रोत्साहन योजना को राजस्व अर्जन से जुड़े दूसरे विभागों में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्व अर्जन से जुड़े राज्य सरकार के सभी विभागों में इस योजना को लागू करने की मंजूरी दी है।
योजना में आम लोगों के साथ ही सरकारी कार्मिक या अधिकारी भी मुखबिर के रूप में प्रोत्साहन राशि पाने के हकदार होंगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्य बजट में इस संबंध में घोषणा की थी।
कर चोरी से संबंधित सूचना ऑनलाइन पोर्टल या टेलीफोन हेल्पलाइन के साथ ही किसी भी प्राधिकारी को व्यक्तिगत रूप से मिलकर या संचार के अन्य साधनों जैसे पत्र, फोन, ई-मेल, सीडी, डीवीडी, पेन ड्राइव, एसएमएस या व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से भी दी जा सकेगी।
मुखबिर को दी जाने वाली अंतरिम प्रोत्साहन राशि की सीमा एक लाख रुपये नकद तक होगी जबकि अंतिम प्रोत्साहन राशि की सीमा अधिकतम 25 लाख रुपये तक होगी।
अभी राजस्व से जुड़े अलग-अलग विभागों में अलग-अलग मुखबिर प्रोत्साहन योजनाएं संचालित हो रही हैं।
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों जैसे वाणिज्य कर, परिवहन, खान एवं भू-विज्ञान, पंजीयन एवं मुद्रांक और आबकारी आदि विभागों में वर्तमान में चल रही इन अलग-अलग मुखबिर प्रोत्साहन योजनाओं का समावेश प्रस्तावित योजना में किया जाएगा।
अलग-अलग योजनाओं का समावेश किए जाने से मुखबिरों को देय नकद प्रोत्साहन राशि में भी एकरूपता आएगी।
राज्य सरकार का मानना है कि मुखबिर प्रोत्साहन योजना से राजस्व अर्जित करने वालों विभागों को काफी फायदा होने की संभावना है।
इससे सरकार को कर चोरी की सूचना मिलने में आसानी रहेगी। इससे सरकार के राजस्व लीकेज पर अंकुश लग पायेगा। वहीं आमजन भी इस योजना के माध्यम से सरकार का सहयोग कर पायेगा।