नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा महर्षि अरविन्द पर लिखी पुस्तक मानवता के प्रणेता महर्षि अरविन्द का विमोचन किया। निशंक ने पुस्तक की पहली प्रति राष्ट्रपति को भेंट की।
इस पुस्तक में केंद्रीय मंत्री ने बताया है कि महर्षि अरविन्द भारतीय संस्कृति, मूल्यों और सनातन धर्म के लिए पूरी तरह से समर्पित थे। वे भारत की विलक्षण क्षमता पहचानते थे और प्रत्येक देशवासी को इससे अवगत करवाना चाहते थे।
इस अवसर पर निशंक ने कहा, श्री अरविन्द की सामाजिक एवं राजनीतिक विषयों पर गहरी पकड़ थी। चेतना के विकास की उनकी असाधारण समझ का मैं सदैव कायल रहा हूं।
महर्षि अरविंद भारतीय राजनीति यानी भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में 1905 से 1910 तक केवल पांच वर्ष रहे और इतनी अल्पावधि में देश के जनमानस को इतना समर्थ बना दिया कि वह अपनी वास्तविक हस्ती को पहचान सके। अपने अतीत की खोई गरिमा और महिमा को पुन अर्जित कर सके।
इस पुस्तक मे उनकी जीवन यात्रा, उनके चिन्तन, पूर्ण योग और जीवन संघर्ष को एक ही स्थान पर सरल भाषा में बताया गया है।
केंद्रीय मंत्री निशंक ने पुस्तक लिखने के दौरान अरविन्द आश्रम से जुड़े अनेक साधको की सहायता ली है। इसके बाद उनके राजनीतिज्ञ जीवन एवं उनके क्रांतिकारी नेता के व्यक्तित्व का वर्णन किया गया है। यह बताया गया कि किस प्रकार दैवीय विधान के चलते वे अध्यात्म की ओर मुड़ गए।
इस पुस्तक में यह बताने का प्रयास किया है कि किस प्रकार भारत को आध्यात्मिक रूप से एक करने के लिए महर्षि अरविन्द ने वेद एवं उपनिषद का सहारा लिया। भारतीय ज्ञान परंपरा की पताका को विश्वभर में फैलाया ताकि भारतीयों अपने ज्ञान के प्रति गौरवान्वित महसूस कर सकें।
इस पुस्तक के माध्यम से देश की युवा पीढ़ी को अत्यंत सरल भाषा में अरविन्द के विचारों से, उनके चिन्तन से, दर्शन से अवगत करवाया गया है।
डॉ निशंक ने कहा, मेरा मानना है नए भारत के निर्माण की जिम्मेदारी हमारी युवाशक्ति पर है। मुझे लगता है श्री अरविन्द के योग की अभिन्न प्रकृति, ज्ञान के पथ का संश्लेषण, भक्ति पर, कर्म पर उनका अलग नजरिया उन्हें भगवान बुद्ध, महावीर, रामकृष्ण जैसी प्रबुद्ध आत्माओं की श्रेणी में खड़ा करता है।
इस पुस्तक में उनके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण, प्रेरणादायक एवं रोचक सामग्री का समावेश किया है जिनसे सभी पाठको के जीवन में नई सकारात्मकता का अहसास होगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि महर्षि अरविन्द की जीवन यात्रा, उनके जीवन संस्मरणों से युवा शक्ति प्रेरित होगी, उनमे नई ऊर्जा, नए उत्साह का संचार होगा।