रांची: झारखंड हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी की।
अदालत ने कहा कि उद्घाटन के लिए देवघर एम्स में ओपीडी का नहीं खुलना दुर्भाग्यपूर्ण है।
राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने भारत सरकार और एम्स को नोटिस जारी किया है।
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में राज्य सरकार की याचिका पर वीसी के जरिये सोमवार को सुनवाई हुई।
राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सोमवार को बताया कि झारखंड सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि एम्स देवघर में ओपीडी का संचालन जल्द शुरू करने की अनुमति दी जाये और उसे उद्घाटन करने के नाम पर न रोका जाये।
हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के बाद एम्स और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर ने केंद्र सरकार एवं एम्स को ओपीडी खुलवाने के लिए नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 26 अगस्त को निर्धारित की गयी है।
इससे पहले 24 जून को होने वाले देवघर एम्स ओपीडी का उदघाटन टल गया था। देवघर जिला प्रशासन ने गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे को कार्यक्रम में शामिल होने से रोक दिया था।
इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देवघर एम्स ओपीडी का उदघाटन टाल दिया था।
25 जून को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार निलांबुज शरण ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव के नाम भेजे पत्र में कहा था कि एम्स देवघर के ओपीडी का 26 जून को होने वाला उद्घाटन अपरिहार्य कारणों से टाल दिया गया है।
पत्र की कॉपी सांसद निशिकांत दुबे, झारखंड के मुख्य सचिव और एम्स, देवघर के कार्यपालक निदेशक को भी भेजी गयी थी।
उल्लेखनीय है कि 24 जून को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार ने एम्स, देवघर के कार्यपालक निदेशक को भेजे पत्र में कहा था कि वे संस्थान के सभी सदस्यों और संथालपरगना के तीनों सांसदों को इस अवसर पर सशरीर उपस्थित रहने का निमंत्रण भेजें हैं।