रांची: हाई कोर्ट में धुर्वा के बालालौंग में जलाशयों के आसपास अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को रोकने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई।
प्रार्थियों की याचिका पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने विजय कुमार और अन्य के मामले में नगड़ी सीओ के आदेश को निरस्त कर दिया है।
अदालत ने नगड़ी के अंचलाधिकारी को दो अगस्त को इस मामले में सुनवाई कर उचित निर्णय लेने का आदेश दिया है। यह जानकारी प्रार्थियों के अधिवक्ता समावेश भंजदेव ने दी।
हाईकोर्ट के इस आदेश से लोगों को बड़ी राहत मिली है, जिन्हें सीओ के द्वारा नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई के दिन झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की कोर्ट में रांची जिला प्रशासन की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के मामले में धुर्वा स्थित बालालौंग गांव में अतिक्रमण हटाने पर सोमवार तक रोक लगा दी थी।
कोर्ट ने इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से अब तक की गई कार्यवाही से संबंधित दस्तावेज कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया था।
उल्लेखनीय है कि विजय कुमार सहित सात अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
सुनवाई के दौरान वादियों के अधिवक्ता समावेश भंजदेव ने अदालत को बताया था कि नगड़ी सीओ की ओर से अतिक्रमण हटाने से संबंधित नोटिस उन्हें नहीं मिला है।
इसके बाद जिला प्रशासन ने उक्त जगह को खाली करने के लिए अखबारों में नोटिस और सूची जारी की। यह झारखंड पब्लिक लैंड इंक्रोचमेंट एक्ट के प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है।
अखबार में नाम आने के बाद वादी सहित अन्य लोगों ने जमीन से संबंधित दस्तावेज नगड़ी सीओ के यहां जमा किया था। लेकिन उनका पक्ष नहीं सुना गया और अतिक्रमण हटाया जा रहा है।
अदालत ने कहा कि अतिक्रमण हटाने से पहले एक्ट के अनुसार जिला प्रशासन को सुनवाई करनी चाहिए थी और उसके बाद ही अतिक्रमण हटाया जाता।
इसके बाद अदालत ने सात लोगों के खिलाफ अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी है। मामले में अगली सुनवाई सोमवार को निर्धारित की गई है।