नई दिल्ली: महामारी कोरोना के जानलेवा वायरस की दूसरी लहर खत्म होने के बाद तीसरी लहर के खौफ के बीच अधिकांश राज्यों में बच्चों के लिए स्कूल खुल चुके हैं। अधिकतम 50 फीसदी उपस्थिति का नियम लगभग हर जगह है।
छात्रों को एक दिन छोड़कर स्कूल बुलाया जाता है मगर उनकी दिलचस्पी अभी ऑफलाइन क्लासेज में नहीं दिख रही।
जहां स्कूल खुल चुके हैं, वहां भी कक्षाओं में पहले की तरह रौनक नहीं हो रहीं। इसके पीछे कोरोना संक्रमण का डर बड़ी वजह है। बच्चों के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में माता-पिता भी उन्हें स्कूल भेजकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते।
सोमवार (26 जुलाई) को मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब में स्कूल खुले मगर छात्र नदारद रहे।
मध्य प्रदेश सरकार ने एक वक्त में एक क्लास के लिए स्कूल खोलने की इजाजत दी है। 50 फीसदी स्टूडेंट्स हफ्ते में एक या दो बार क्लासेज करने आएंगे। कक्षा 12 की क्लासेज शुरू हो चुकी हैं, कक्षा 11 की आज से होंगी।
सोमवार को भोपाल में केवल सरकारी स्कूल खुले, उनमें भी अटेंडेंस बमुश्किल 10 फीसदी रही। अधिकतर पैरंट्स अभी तीसरी लहर के डर से बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाह रहे। गुजरात के स्कूलों में बच्चों की संख्या ठीक-ठाक नजर आ रही है।
सूरत नगर निगम के स्कूलों में कक्षा 11 की पढ़ाई पिछले हफ्ते शुरू हुई थी। सोमवार को पहले ऑफलाइन सेशन में 60 प्रतिशत अटेंडेंस दर्ज की गई।
राज्य में कक्षा 9 से 11 तक की क्लासेज सोमवार से शुरू हुई हैं। पंजाब में सोमवार से कक्षा 10-12 के स्कूल खुल गए।
हालांकि स्टूडेंट्स की संख्या यहां भी कम रही। चुनिंदा क्लासेज ही लगीं। कई स्कूलों ने भी शुरुआत में बेहद कम संख्या में स्टूडेंट्स को बुलाने का फैसला किया है ताकि संक्रमण की स्थिति में ज्यादा बच्चे प्रभावित ना हों।
सोमवार को ओडिशा में भी महीनों बाद स्कूल खुल गए। कक्षा 10 और 12 की क्लासेज फिर से लगने लगी हैं।
कई जगह स्कूल के स्टाफ ने फूलों के साथ बच्चों का स्वागत किया। हालांकि स्टूडेंट्स की संख्या यहां भी कम ही रही। मगर जितने बच्चे स्कूल आए थे, वे काफी खुश नजर आए।