रांची/चाईबासा: हमें सामाजिक सांस्कृतिक व्यवस्थाओं को ध्यान में रखकर विकास की यात्रा को तय करना है। झारखंड के उद्योग का लाभ राज्यवासियों को भी मिले, इसके लिए कार्य होने चाहिए।
क्षेत्र में लगने वाले उद्योग वहां के ग्रामीणों का ध्यान रखेंगे तो ग्रामीण भी अवश्य उनके लिए सदैव तत्पर रहेंगे।
ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को चाईबासा के पिल्लई सभागार में विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन, शिलान्यास और परिसंपत्तियों के वितरण कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि एसीसी सीमेंट कंपनी के द्वारा स्थानीय लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया।
यह सुखद क्षण है, इससे पूर्व 2013 में नियुक्ति पत्र वितरित किया गया था। इस क्षेत्र में बड़े उद्योग आ रहें हैं।
स्टील उद्योग स्थापित होने की प्रक्रिया में है। इससे भी क्षेत्र में रोजगार का सृजन होगा। अब सब चीजों को नया स्वरूप देने की कोशिश की जा रही है।
आवागमन के लिए सड़क निर्माण का कार्य होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिजों से भरा राज्य है। राज्य की कई सड़कें नेशनल हाईवे में चली गई हैं, जो भारत सरकार के अधीन हैं, इन सड़कों के निर्माण में स्वीकृति लेने में समय लगता है।
जल्द से जल्द इसकी स्वीकृति कराई जाएगी। चाईबासा-हाट गम्हरिया पथ निर्माण के लिए 250 करोड़ रुपये का डीपीआर भेजा गया है। फिलहाल तीन करोड़ की लागत से उक्त सड़क को दुरुस्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि चाईबासा में बाईपास सड़क निर्माण का प्रस्ताव आया हुआ है। यह भी एनएच द्वारा बनना है।
भूमि अधिग्रहण व मुआवजे की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसका निर्माण कार्य वर्ष 2021 में शुरू होने की संभावना है।
हल्दिया पोर्ट तक के लिए एक्सप्रेस हाईवे साथ ही सभी जिलों में बाईपास निर्माण का प्रस्ताव है, जिसे जल्द पूरा किया जाएगा।
किसान, खिलाड़ियों और ग्रामीणों का है ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में रोजगार का अभाव रहा। प्रतिष्ठान बंद रहे। राज्य के श्रमिक अपने गांव लौट रहे थे। मानो गरीबों पर पहाड़ टूट पड़ा हो।
इस को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने कई योजना ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू की ताकि ग्रामीणों को रोजगार मिल सके।
पश्चिमी सिंहभूम की बात करें तो फोटो हो खेल योजना के तहत 724 मैदान तैयार किए जाने हैं, इनमें से एक 114 मैदान का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके साथ 420 मैदान का निर्माण कार्य जारी है।
उन्होंने कहा कि किसानों की ऋण माफी के तहत पश्चिम सिंहभूम के करीब 1500 लाभुकों को आच्छादित किया गया है।
अन्य किसानों को इस योजना से आच्छादित करने का कार्य जारी है। करीब 64 करोड़ रुपये ऋण के तहत किसानों के माफ किए गए हैं। आने वाले दिनों में किसानों की समृद्धि के लिए हर संभव प्रयास सरकार करेगी।