बोकारो: चतरोचट्टी गैंगरेप मामले में पॉक्सो स्पेशल जनार्दन सिंह के कोर्ट ने गुरुवार को छह दोषियों को 30 वर्ष की कठोर सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि जुर्माने की राशि पीड़िता के पुनर्वास पर खर्च होगी। उचित माध्यम से पीड़िता को मुआवजा भी दिलवाया जाएगा।
मामले में कुल 11 गवाहों को प्रस्तुत किया गया। पीड़िता ने चास मंडल कारा में टीआई परेड में दस आरोपियों की पहचान भी की थी। इस संबंध में दो मार्च को नामजद 12 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
सिर्फ 15 दिन में ट्रायल
कोरोना काल में हाईकोर्ट ने 24 जिलों के 150 केस को स्पेशल ट्रायल के लिए नामित किया। इसी के तहत उक्त मामले का महज 15 दिनों में ट्रायल पूरा कर फैसला सुनाया गया।
क्या है मामला
लोक अभियोजक ने कहा कि घटना से एक माह पूर्व मामले में किशोर आरोपी ने पीड़िता को फोन कर प्रेम का प्रस्ताव रखा।
पीड़िता ने प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसके बाद आरोपी ने लड़की को धमकी दी। घटना की शाम आरोपी दिलीप ने पीड़िता को फोन कर अनहोनी की आशंका जताते हुए कमरे में सोने से मना किया।
पीड़िता इस बात का जिक्र अपने परिवार के लोगों से की और वह परिवार के साथ घर में सो गई। रात 11 बजे पीड़िता के दादा शौच को बाहर निकले तो आरोपी हरवे-हथियार के साथ खड़े थे।
दादा को कब्जे में लेकर घर के अंदर घुस गए। इसके बाद पीड़िता को अगवा कर हरसुख पहाड़ी ले गए, जहां 12 लोगों ने लड़की के साथ बारी-बारी दुष्कर्म किया।
इसके बाद दो आरोपियों ने पीड़िता को उसके घर के करीब तक छोड़ दिया। बदहवास स्थिति में किसी प्रकार पीड़िता घर पहुंची तो परिवार के लोगों के होश उड़ गए।