टोक्यो: ओलंपिक स्टेडियम में आज भारत की कमलप्रीत कौर इतिहास रचने उतरेंगी। डिस्कस थ्रो फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी भारतीय बनकर वह पहले ही अपना नाम हिस्ट्रीबुक में दर्ज करा चुकी हैं लेकिन अब उनके सामने खुद को लेजेंड बनाने का वक्त है और यह पदक जीतने के उनके सपने के साथ पूरा हो सकता है।
कमलप्रीत ने 31 जुलाई को क्वालीफाईंग में 64 मीटर के आटोमेटिक मार्क को छुआ था। ऐसा करने वाली वह सिर्फ दूसरी एथलीट थीं।
इस साल मार्च में पटियाला में आयोजित फेडरेशन कप के दौरान 65 मीटर का मार्क हासिल करने वाली एकमात्र भारतीय कमलप्रीत के अलावा अमेरिका की वेराले अलामान (66.42) ऑटोमेटिक क्वालीफाईंग मार्क हासिल कर सकी थीं।
क्वालीफाईंग ग्रुप-बी में शामिल कमलप्रीत ने पहले प्रयास में 60.29 मीटर की दूरी नापी थी। इसके बाद दूसरे प्रयास में वह 63.97 तक पहुंच गईं।
इस दूरी के साथ भी वह फाइनल के लिए क्वालीफाई करती दिख रही थी लेकिन उनकी कोशिश ऑटोमेटिक क्वालीफाईंग मार्क हासिल करना था और तीसरे प्रयास में वह 64 मीटर के साथ वहां पहुंच ही गईं।
कमलप्रीत से पहले साल 2012 के लंदन ओलंपिक में कृष्णा पूनिया ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था लेकिन वह पदक तक नहीं पहुंच सकी थीं।
क्वालीफाईंग में जो स्टैंडिंग रही, उसे अगर कमलप्रीत बरकरार रखती हैं तो वह पदक जीत सकती हैं।
एनआईएस पटियाला में आयोजित इंडियन ग्रां प्री-4 में कमलप्रीत ने 66.59 की दूरी नापी थी लेकिन इसे अभी राष्ट्रीय रिकार्ड का दर्जा नहीं मिला है।
कमल अगर इस प्रदर्शन को दोहरा सकीं तो न सिर्फ भारत को महान सफलता मिल सकती है बल्कि वह खुद भी भारत के खेल इतिहास में अमर हो सकती हैं।
कमल के मुकाबले को सोनी टेन 2 और सोनी सिक्स एसडी एंड एचडी (अंग्रेजी), सोनी टेन 3 (हिंदी) और सोनी टेन 4 (तमिल और तेलुगु) पर देखा जा सकता है।