दुबई: खाड़ी देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की सरकार ने यहां रहकर प्रेक्टिस करने वाले चिकित्सकों को बड़ी सौगात देते हुए अब गोल्डन वीजा देने की योजना बनाई है।
फेडरल अथॉरिटी फॉर आइडेंटिटी एंड सिटिजनशिप (आईईसीए) ने यूएई में रहने वाले डॉक्टरों को गोल्डन वीजा जारी करने की सुविधा के लिए ‘गोल्डन रेजिडेंसी सर्विसेज’ की शुरुआत की है।
यूएई के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री और दुबई के शासक हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के निर्देश के बाद डॉक्टर्स के लिए इस सुविधा की शुरुआत की जाएगी।
सेवाओं के तहत डॉक्टर्स और उनके परिवार को 10 साल का रेजिडेंसी वीजा मिलेगा। यूएई यह सुविधा इसलिए दे रहा है ताकि वैश्विक मंच पर नौकरी, निवास और पढ़ाई के लिए वह अपनी पहचान सबसे पसंदीदा देश के रूप बना सके।
आईसीए के कार्यवाहक महानिदेशक मेजर जनरल सुहैल सईद अल खली ने कहा कि यूएई के सभी डॉक्टरों और उनके परिवारों को गोल्डन वीजा देना उनकी प्रशंसा करना है, जिन्होंने कोरोना महामारी को रोकने के लिए अपना योगदान दिया।
यूएई में बड़ी संख्या में भारतीय डॉक्टर्स काम करते हैं, जिन्हें इस फैसले से सीधा फायदा मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि आईसीए स्वास्थ्य और रोकथाम मंत्रालय और अन्य अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है ताकि रजिस्टर्ड डॉक्टर्स के लिए गोल्डन वीजा हासिल करने की प्रक्रियाओं को आसान किया जा सके और शेख मोहम्मद के फैसले को लागू किया जा सके।
उन्होंने बताया कि यह कदम दुनियाभर के अनुभवी मेडिकल प्रोफेशनल्स को आकर्षित करेगा जो यूएई के हेल्थकेयर इकोसिस्टम को बढ़ाने में मदद करना चाहते हैं।
यूएई का यह फैसला स्थिरता और जीवन की गुणवत्ता के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक बनने में मुल्क की मदद करेगा।
साथ बेहतर सुविधाएं देने के लिए आईसीए की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को भी बढ़ावा देगा।
बता दें कि भारत और यूएई के बीच सीधी उड़ानें निलंबित चल रही हैं, जिससे दुबई जैसे शहरों में काम करने वाले कामगार न सिर्फ भारत में फंसे हुए हैं बल्कि अपनी नौकरी को लेकर भी बेहद चितिंत हैं।