रांची: झारखंड के लगभग 65 हजार पारा शिक्षकों ने राज्य के हेमंत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लंबे समय से स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर अांदोलन रत रहे पारा शिक्षकों का धैर्य अब जवाब देने लगा है।
सरकार की वादाखिलाफी को लेकर राज्य भर के पारा शिक्षकों का अाक्रोश कभी भी फूट पड़ सकता है।
इन्होंने कहा है कि महात्मा गांधी ही नहीं भगत सिंह भी पारा शिक्षक बन सकते हैं। इसके बाद सारी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी।
पारा शिक्षकों ने कहा है कि 15 अगस्त को सीएम हेमंत सोरेन अगर स्थायीकरण व वेतनमान की घोषणा नहीं करते हैं तो अगले दिन 16 अगस्त से राज्य भर में उग्र आंदोलन होगा।
वादा करके सत्ता में आई सरकार और अब वादाखिलाफी पर ईंट से ईंट बजाने को पारा शिक्षक तैयार बैठे हैं।
यह निर्णय एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा, जिला कमेटी रांची की जूम ऐप पर आयोजित ऑनलाइन मीटिंग में लिया गया, रांची जिला अध्यक्ष मो. शकील की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में रांची जिले के विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड कमेटी के सदस्यगण एवं सक्रिय साथियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। साथ ही आगामी आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई गई।
ऑनलाइन मीटिंग में बुलंद की आवाज
जूम मीटिंग में नामकुम, अनगड़ा, सोनाहातू, लापुंग कांके, ओरमांझी, बुढ़मू, रांची सदर, रातु, मांडर, नगडी, बेड़ो, सिल्ली व चान्हो प्रखंड के अगुवा एवं सक्रिय साथियों ने भाग लेकर अपना महत्वपूर्ण क्रांतिकारी विचार दिया।
मीटिंग में जिला कमेटी के सचिव जावेद रियाज, महामंत्री महावीर पाहान, महासचिव तीर्थनाथ महतो एवं जिला कोषाध्यक्ष राजन उरांव ने सभी प्रखंड के अगुआ के बीच अपने विचार रखे।
बैठक में लिये गए महत्वपूर्ण निर्णय
1. सभी प्रखंडों के अगुआ का कहना था की विगत आंदोलन मुख्यमंत्री आवास घेराव तक पहुंच गया। स्थगित किया गया है तो ऐसे में यदि हेमंत सरकार 15 अगस्त को झंडोत्तोलन के बाद हम पारा शिक्षकों के लिए स्थायीकरण और वेतनमान की घोषणा नहीं करती है तो 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन मुख्यमंत्री आवास घेराव से ही शुरू हो, क्योंकि अब छोटे-मोटे कार्यक्रम करके अपना समय बर्बाद नहीं करना है।
ऐसे भी हम लोग बहुत समय गंवा चुके हैं, कार्यक्रम ऐसा हो जिससे मुख्यमंत्री पर दबाव हो और रिजल्ट तुरंत सामने आए।
2. यदि इस बार सरकार नहीं मानती है तो राजधानी घुसने वाले चारों हाईवे को जाम कर दिया जाए। यानी राजधानी का चक्का जाम, सरकार तुरंत हरकत में आ जाएगी।
3. जूम में जुड़े सभी प्रखंड के युवा साथियों का निर्णय हुआ कि हमें कल्याण कोष नहीं चाहिए सरकार कल्याण कोष का वादा करके नहीं आई है।
सरकार स्थायीकरण एवं वेतनमान का वादा करके आई है तो सरकार हमें स्थायी करते हुए वेतनमान दे। अन्यथा इस बार हम असहयोग आंदोलन के साथ-साथ उग्र आंदोलन करने पर भी बाध्य हो जाएंगे।
जरूरत पड़ी तो महात्मा गांधी के साथ साथ भगत सिंह भी पारा शिक्षक बनेंगे।