नई दिल्ली: देश में कोविड-19 के प्रसार में फिर तेजी के संकेत मिल रहे हैं। कोरोना के प्रसार को दर्शाने वाले रिप्रोडक्टिव रेट आठ राज्यों में एक से अधिक हैं।
यह दर कुछ समय पूर्व 0.6 पर पहुंच गई थी तथा पिछले महीने 0.8 हुई और अब बढ़कर 1.2 हो गई है। तीन राज्यों में यह और भी ज्यादा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल एवं नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने मंगलवार को साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में आर नंबर सबसे ज्यादा 1.4 है जबकि लक्षद्वीप में 1.3 है।
महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हरियाणा, गोवा, झारखंड, नगालैंड में यह 1 तथा केरल में और पुडुचेरी में 1.1 है।
रिप्रोडक्टिव नंबर या आर वैल्यू यह बताता है कि कोई रोग कितना संक्रामक है यानी एक मामले से कितने और मामले फैल सकते हैं, इसकी संख्या दर्शाता है।
यदि यह एक से नीचे होता है तो यह माना जाता है कि रोग नियंत्रण में है। एक से अधिक होने पर रोग के तेज प्रसार का संकेत मिलता है।
लव अग्रवाल ने कहा कि केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश समेत छह राज्यों के 18 जिलों में पिछले चार हफ्तों में कोविड के नये दैनिक मामले बढ़ते दिख रहे हैं। यह चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते, कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में से 49.85 प्रतिशत मामले केरल से सामने आए।
सरकार ने कहा कि 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 44 जिलों में 2 अगस्त को समाप्त हो रहे हफ्ते में कोरोना वायरस की साप्ताहिक संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक है।
लव अग्रवाल ने कहा कि वैश्विक महामारी खत्म होने से अभी बहुत दूर है। जहां तक भारत की बात है तो दूसरी लहर अब भी खत्म नहीं हुई है।
दुनियाभर से कोविड-19 के दैनिक नये मामले अब भी बहुत ज्यादा हैं, जहां संक्रमण के हर दिन 47 लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
एक प्रश्न के उत्तर में नीति आयोग के सदस्य डॉ. पॉल ने कहा कि जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना टीके के क्लीनिकल ट्रायल के लिए आवेदन किया था, लेकिन ड्रग कंट्रोलर की तरफ से उन्हें बताया गया कि उनका टीका अमेरिका में स्वीकृत है इसलिए उसे ट्रायल की जरूरत नहीं है तो उसने इसे वापस ले लिया।
बच्चों को टीके के बारे में उन्होंने कहा कि जब वैक्सीन उपलब्ध होगी, उसके बाद टीकाकरण की रणनीति पर विचार किया जाएगा।