नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनकारी किसानों के 8 दिसम्बर को आहूत भारत बंद को अब 10 केंद्रीय व्यापार संगठनों ने समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
एक अनुमान के मुताबिक इस बंद से भारत की आर्थिक व्यवस्था को एक ही दिन में करीब 25000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
इन संगठनों ने किया है समर्थन का ऐलान –
किसानों के बंद को समर्थन देने वाले संगठनों में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेन्टर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेन्टर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (एसईडब्ल्यूए), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) शामिल हैं।
इन संगठनों द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि केंद्रीय और क्षेत्रीय व्यापार संगठनों ने ‘काले कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग कर रहे किसानों के चल रहे एकजुट संघर्ष को तहे दिल से अपना समर्थन’ जताया है।
संयुक्त मंच ने इस बात पर संतोष जताया कि कई राज्य सरकारों की पुलिस द्वारा गिरफ्तारियों और डराने-धमकाने के बावजूद किसान लगातार अपना प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं।
संयुक्त मंच ने किसान संगठनों के साझा मंच द्वारा देशव्यापी संघर्ष को तेज करने के दृढ़ संकल्प का स्वागत किया है और आठ दिसम्बर को ‘भारत बंद’ के उनके आह्वान को सभी तरह समर्थन प्रदान करने का ऐलान किया है।