मेदिनीनगर: राज्य के अति पिछड़े क्षेत्र और नक्सलवाद के लिए जाना जाने वाला पलामू ज़िला कई मायने में मशहूर है।
इस क्षेत्र को लोग 1857 की लड़ाई में वीरता के साथ लड़ाई लड़ने के लिए नीलाम्बर पीताम्बर को जानते हैं। यहां के कई लोग विभिन्न क्षेत्रों में देश स्तर पर ख्याति प्राप्त हैं।
अभी हाल ही में पलामू का बेटा डॉ आशीष रंजन कुमार ने देश ही नहीं बल्कि, विदेश में परचम फैलाया है।
डॉ आशीष रंजन कुमार ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लिए डॉ लेस्ली के नेतृत्व में उनकी टीम ने चंद्रमा पर पानी की खुदाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पलामू निवासी डॉ आशीष रंजन कुमार भाईयों में सबसे बड़े हैं। उनके पांच भाई हैं।
उनके बचपन काल के डीएवी स्कूल से मिली जानकारी अनुसार डॉ आशीष युवा काल से ही स्वभाव के अच्छे और मेधावी छात्र के रूप में जाने जाते थे।
उन्होंने मैट्रिक 2003 में पास की थी और उन्हें 95 फीसदी अंक प्राप्त हुए थे। उच्च शिक्षा के लिए ज़िले से बाहर जाने के बाद वे पीछे मुड़ कर नहीं देखे। लगातार ऊंचाइयों की ओर अग्रसर होते गए।
धनबाद से माइनिंग इंजीनियरिंग में बी.टेक परीक्षा पास करने के बाद केंटकी विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि ग्रहण की।
इसमें उनके शोध का विषय खनन और डस्ट कंट्रोल था। दो वर्ष तक वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया।
आज वे अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में बतौर प्रोफेसर विद्यार्थियों को ऊंची उड़ान भरने के लिए शिक्षा दे रहे हैं।
जानकारी के अनुसार डॉ आशीष के चंद्रमा मिशन सफल होने के बाद उनकी टीम जल्द ही मंगल ग्रह पर पानी की खोज अभियान का कार्य शुरू करने वाली है।