नई दिल्ली: पेगासस जासूसी के आरोपों, कृषि कानूनों और ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच संसद के उच्च सदन ने गुरुवार को तीन विधेयक पारित किए।
हंगामे के बीच सरकार संक्षिप्त स्थगन के बीच तीन विधेयकों को पारित करने में सफल रही।
इनमें संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग विधेयक और आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021 शामिल रहे।
विरोध के बीच विपक्षी सांसदों ने बिलों पर बात की, लेकिन जासूसी, कृषि कानून और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे उठाते रहे।
हालांकि सभापीठ ने नियमों का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी कि केवल उस विषय के मुद्दे पर बात की जानी चाहिए जिसका विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया है।
टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर संविधान का हवाला दिया, लेकिन विपक्ष को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सांसद के. केशव रॉय से समर्थन मिला, जिन्होंने कहा कि कोई भी भाषण को निर्देशित नहीं कर सकता है और अध्यक्ष केवल सदन को नियंत्रित कर सकते हैं।
उपसभापति ने सदन के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि केवल विषयों पर बोलने वाले व्यक्ति को ही अनुमति दी जानी चाहिए।
इससे पहले सदन में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को गतिरोध के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि विपक्ष पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, चर्चा अभी शुरू करें, हम तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का फोन आया था कि वह एक बार विदेश से आने पर इस मुद्दे को सुलझा लेंगे, लेकिन विपक्ष के किसी सदस्य को अभी तक किसी बैठक के लिए आधिकारिक आमंत्रण नहीं मिला है।
खड़गे के आरोप के जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने कोई आश्वासन नहीं दिया था और केवल इतना कहा था कि सदन में उचित चर्चा होनी चाहिए और हंगामा बंद हो जाना चाहिए।
खड़गे ने सरकार पर पेगासस और विपक्ष द्वारा उठाए गए अन्य मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देने का आरोप लगाया। उन्होंने सरकार पर मीडिया में यह धारणा बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया कि विपक्ष संसद नहीं चलने दे रहा है।