रांची: झारखंड में लंबे इंतजार के बाद नौंवी से 12वीं कक्षा तक के सरकारी स्कूल शुक्रवार से खुल गए। इस दौरान स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पालन हुआ।
स्कूल खुलते ही बच्चों के चेहरे पर खुशी देखी गई। हालांकि, पहले दिन सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही।
शिक्षकों का कहना है कि धीरे-धीरे बच्चों की उपस्थिति सामान्य हो जाएगी। शुक्रवार को जैसे ही विद्यालय खुला सबसे पहले बच्चों के मास्क की जांच की गई।
इसके बाद बच्चों को लगाने के लिए सैनिटाइजर दिया गया। बच्चों की थर्मल स्कैनर द्वारा तापमान की जांच की गई।
कई सरकारी स्कूलों में शिक्षकों ने बच्चों को गुलाब का फूल देकर उनका स्वागत किया। स्कूल खुलने से और बच्चों के आने से स्कूलों में रौनक लौट आई। शिक्षक भी काफी खुश नजर आए।
राजधानी रांची के बालकृष्ण प्लस टू स्कूल में शिक्षिकाओं ने बच्चों को गुलाब देकर स्वागत किया।
ऐसा पहली बार हुआ है जब टीचर के हाथों में सजा देने वाली छड़ी नहीं बल्कि प्यार बढ़ाने वाला गुलाब था। बच्चों ने भी ताली बजाकर शिक्षकों का अभिनंदन किया।
रांची जिला स्कूल के शिक्षक ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि स्कूल खुलने से एक दिन पूर्व गुरुवार को पूरे विद्यालय को सैनिटाइज किया गया। जैसे ही विद्यालय खुला सबसे पहले बच्चों के मास्क की जांच की गई।
इसके बाद हैंड सैनिटाइज कराकर गेट से प्रवेश कराया गया। उन्होंने बताया कि स्कूलों में पहुंचे छात्र-छात्राओं के चेहरे में खुशी नजर आ रही थी।
लंबे समय के बाद दोस्त आपस में मिले तो उनका चेहरा खुशियों से खिल गया। स्कूल खुलने से स्कूल के सभी शिक्षक काफी उत्साहित हैं।
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस में काफी हद तक बच्चों को समझाने को लेकर कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
तमाम बच्चों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं होने से वे पढ़ाई से वंचित हो रहे थे। आज से ऑफलाइन क्लासेस शुरू हो गए हैं तो हम सबों को पढ़ाने में भी काफी संतुष्टि महसूस हो रही है।
उन्होंने बताया कि स्कूल में प्रत्येक बच्चों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। जिन बच्चों के पास मास्क नहीं है वैसे बच्चों को विद्यालय प्रबंधन द्वारा मास्क उपलब्ध कराया जा रहा है।
साथ ही थर्मल स्कैनर के द्वारा तापमान की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा बच्चों को कोरोनावायरस से बचाव के तरीकों को भी बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि हेमंत सरकार ने स्कूल खोलने को लेकर कुछ गाइडलाइन जारी किया है। सभी अभिभावकों की लिखित सहमति जरूरी होगी। सभी शिक्षकों और गैर शैक्षणिक स्टाफ को वैक्सीन लगवाना जरूरी होगा।
18 वर्ष से अधिक आयु के छात्रों को भी कोरोना वैक्सीन लगवाना होगा। स्कूल में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। तापमान की जांच और सैनिटाइजेशन के बाद ही बच्चों को क्लास रूम में भेजा जा रहा है।
क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग वाली सीटिंग अरेंजमेंट की व्यवस्था की गई है। सरकार ने नवमी से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए स्कूल खोलने की मंजूरी गत दिनों दी थी। इस दौरान सिर्फ चार घंटे ही क्लास चलेंगे।