नई दिल्ली: 6 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान, खेल रत्न का नाम बदलकर हॉकी के दिग्गज ध्यानचंद के नाम पर रखा जाना उचित है।
अनुराग ने कहा, “मेजर ध्यानचंद भारत के सबसे महान और पसंदीदा खेल प्रतीक हैं। यह उचित है कि भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान का नाम उनके नाम पर रखा जाए।
उनके जीवन और उपलब्धियों ने उन खिलाड़ियों की पीढ़ियों को प्रेरित किया है जिन्होंने भारत के लिए गौरव हासिल किया है।”
बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ट्वीट कर जानकारी दी कि खेल रत्न पुरस्कार को अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया,”‘देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा,”मेजर ध्यानचंद भारत के उन अग्रणी खिलाड़ियों में से थे, जिन्होंने भारत के लिए सम्मान और गौरव लाया। यह सही है कि हमारे देश का सर्वोच्च खेल सम्मान उन्हीं के नाम पर रखा जाएगा।”
ध्यानचंद ने लगातार तीन ओलंपिक (1928 एम्सटर्डम, 1932 लॉस एंजेलिस और 1936 बर्लिन) में भारत को हॉकी का स्वर्ण पदक दिलाया था।
29 अगस्त 1905 को प्रयागराज में जन्मे ध्यानचंद की उपलब्धियों ने भारतीय खेल के इतिहास को नए शिखर पर पहुंचाया है।
ध्यानचंद ने 22 साल तक भारत के लिए खेला और 400 अंतरराष्ट्रीय गोल दागे। कहा जाता है कि जब वो खेलते थे, तो मानो गेंद स्टिक पर चिपक जाती थी।
हॉलैंड में एक मैच के दौरान चुंबक होने की आशंका में उनकी स्टिक तोड़कर देखी गई थी। जापान में एक मैच के दौरान उनकी स्टिक में गोंद लगे होने की बात भी कही गई थी।