नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जीएसटी से जुड़े विवादों पर सुनवाई के लिए केंद्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर अपीलीय ट्रिब्यूनल के गठन की मांग पर केंद्र सरकार और जीएसटी काउंसिल को नोटिस जारी किया है।
चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि यह दुखद स्थिति है कि जीएसटी लागू होने के चार साल बाद भी अपीलीय ट्रिब्यूनल का गठन नहीं हुआ है।
याचिका वकील अमित साहनी ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि 2016 में संसद के दोनों सदनों से जीएसटी कानून पारित किया गया था। एक जुलाई 2017 से ये कानून लागू किया गया।
जीएसटी कानून के तहत जीएसटी ट्रिब्यूनल और जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल के गठन का प्रावधान है, लेकिन इसके लागू होने के चार साल बीत जाने के बाद भी कोई ट्रिब्यूनल या अपीलीय ट्रिब्यूनल का गठन नहीं किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि जीएसटी ट्रिब्यूनल और अपीलीय ट्रिब्यूनल का गठन समय की मांग है और सरकार इनके गठन की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती है।
अपीलीय ट्रिब्यूनल नहीं होने की वजह से वादियों को समय से न्याय नहीं मिल रहा है। इससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
याचिका में कहा गया है कि 2016 में नोटबंदी के बाद आम आदमी का व्यवसाय बुरे तरीके से प्रभावित हुआ था।
उसके बाद केंद्र सरकार ने हड़बड़ी में जीएसटी का कानून पारित किया, लेकिन कानून के तहत कोई जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन नहीं किया गया।
कानून के तहत ये प्रावधान है कि अगर कोई प्राधिकार के आदेश से असंतुष्ट है तो वह अपीलीय ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटा सकता है, लेकिन जब उसका गठन ही नहीं हुआ है तो वादी कहां जाएं।