धनबाद: भाजपा की चार सदस्यीय टीम रविवार को धनबाद पहुंची। इंटर की छात्राओं और भाजपा नेताओं पर हुए लाठीचार्ज मामले को लेकर भाजपा की टीम घायल छात्र, छात्राओं और नेताओं से मुलाकात की।
धनबाद के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातीचत में पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में विधि व्यवस्था का खतरा उत्पन्न हो गया है। खासकर धनबाद में विधि व्यवस्था की जो स्थिति है वह काफी गंभीर है।
उन्होंने एसडीएम सुरेंद्र कुमार, जिन्होंने विद्यार्थिंयों पर लाठीचार्ज किया है, वह पहले से ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
भाजपा ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को हटाने की मांग करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसी प्रकार का कोई षड्यंत्र नहीं किया है।
छात्र को फेल कराने का काम भाजपा का नहीं है। यह आंदोलन विद्यार्थियों का है। इससे उनका भविष्य जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि फेल हुए छात्र डिप्रेशन में हैं। इसमें सोनू कुमार, सूरज और श्रुति कुमारी शामिल हैं।
छात्रों ने कहा है कि न्याय नहीं मिलने पर वे आत्महत्या कर लेंगे। हालांकि उन सभी को समझाया गया है कि किसी भी कीमत पर वो सभी ऐसा कदम बिल्कुल न उठाए।
छात्र आत्मदाह की बात कह रहे हैं। इस मामले को विधानसभा में भी उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में दो पप्पू हैं। एक दिल्ली में है और दूसरा झारखंड में है। इन दो लोगों की बातों का कोई अहमियत नहीं है।
उन्होंने कहा कोविड़ -19 महामारी के वक्त केंद्र सरकार ने छात्र छात्राओं के हितों को ध्यान में रखकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने दसवीं से बारहवीं के लिए फार्मूला बनाया।
इसमें रिजल्ट प्रकाशन के लिए तीन फार्मूला तय हुआ। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी सहमति दी।
उसी फार्मूले पर अलग-अलग राज्यों ने अपने बोर्ड का आधार तय किया। उसी फार्मूले को आधार बना कर झारखण्ड में भी जैक को रिजल्ट प्रकाशन करना था।
उन्होंने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण विषय है कि यहां रिजल्ट का प्रकाशन उसी फार्मूले पर हुआ है अथवा नहीं।
लाठीचार्ज मामले में उन्होंने कहा कि घायल छात्र-छात्राओं से बात हुई है। उन्होंने बताया कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया जा रहा था।
समाहरणालय में मंत्री से मिलने के लिए उन्हें ले जाया गया था। समाहरणालय में पुलिस की अपनी तैयारी थी।
समाहरणालय पहुंचते ही ताबड़तोड़ लाठियां बरसाई गई। एसडीएम स्वंय लाठी भांज रहे थे।
रांची विधायक ने कहा कि समाहरणालय में स्वास्थ्य मंत्री बैठक कर रहे थे। मंत्री को संस्कार दिखाना चाहिए था। छात्र-छात्राओं से उन्हें बात करनी चाहिए थी पर ऐसा नहीं हुआ।