नई दिल्ली: ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने कहा है कि फाइनल में दूसरे प्रयास में ही उन्होंने 87.58 मीटर तक भाला फेंका जिससे उन्हें स्वर्ण पदक मिल गया।
साथ ही कहा कि इसके बाद बाकी के थ्रो ठीक नहीं रहे थे क्योंकि उन्होंने जरुरत से ज्यादा प्रयास कर दिया था।
इसका कारण तकनीकी कमी भी रही जबकि उन्हें लग रहा था कि वह 90 मीटर से ऊपर फेंक सकते हैं।
नीरज ने कहा कि वह 90 मीटर के काफी करीब हैं और अब अगली बार उनका प्रयास इस लक्ष्य को हासिल करना रहेगा।
इसके लिए वह अपने कोच के साथ मिलकर काम करेंगे। 90 मीटर का उनका सपना है और वो इसे पूरा करने की कोशिश करेंगे।
नीरज के आखिरी थ्रो से पहले ही उनका स्वर्ण पक्का हो गया था जिसके बारे में नीरज ने कहा कि वो उस थ्रो के समय बिल्कुल खाली हो गए थे।
उन्होंने बस रन लिया और थ्रो कर दिया जबकि उनका आखिरी का थ्रो पिछले थ्रो से काफी ठीक रहा था नीरज ने कहा कि मैंने जब स्वर्ण जीता, तब यह सपने जैसा था और मुझे भरोसा नहीं हो रहा था।
इसके बाद जब देश में आया और सम्मान और लोगों का उत्साह देखकर लगा कि वास्तव में मैंने कुछ किया है।
नीरज पहले ही एशियाई और और कॉमनवेल्थ खेलों के स्वर्ण विजेता हैं। अब उनकी नजरें विश्व चैम्पियनशिप खिताब पर हैं।
साथ ही किा कि वह आने वाले कॉमनवेल्थ और एशियाई खेलों में अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराना चाहते हैं और इतने से ही संतुष्ट नहीं होना चाहिए।