रांची: राज्यसभा चुनाव 2016 हॉर्स ट्रेडिंग मामले में अभियुक्त निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट से एडीजी अनुराग गुप्ता को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने गुप्ता को मिली राहत फिलहाल बरकरार रखा है।
साथ ही हाई कोर्ट ने निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता को सरकार के जवाब का प्रतिउत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अब आईपीएस अनुराग गुप्ता के खिलाफ छह सितंबर तक किसी भी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक लग गयी है।
अनुराग गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनाई हुई।
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और अधिवक्ता अंकित ने अदालत के समक्ष पक्ष रखते हुए सरकार की ओर से कोर्ट में दाखिल किए गए जवाब का प्रतिउत्तर जमा करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा।
बचाव पक्ष के आग्रह को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए छह सितंबर की तिथि निर्धारित की है।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा चुनाव 2016 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) लगाए जाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ एडीजी अनुराग गुप्ता ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
रांची पुलिस ने तत्कालीन एडीजी सीआईडी अनिल पालटा की ओर से जारी समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर केस में पीसी एक्ट जोड़ने के लिए गृह विभाग से पत्राचार किया था।
इसके बाद राज्य सरकार ने पीसी एक्ट जोड़ने की अनुमति रांची पुलिस केस के अनुसंधान पदाधिकारी को दे दी थी।
मामले में राज्य पुलिस के निलंबित एडीजी ने अब कोर्ट में गुहार लगाई है। एडीजी अनुराग गुप्ता ने इस मामले में अपने निलंबन वापसी को लेकर भी कोर्ट में याचिका दायर की थी।
साथ ही इस मामले में चुनाव आयोग को भेजी गई सीडी और मूलयंत्र की जल्द-से-जल्द जांच कराने की मांग भी की है।
अदालत ने उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक के आदेश को अगली सुनवाई तक विस्तार दिया है।