गुमला: गुमला जिले के पंचायत स्तरीय महिला जनप्रतिनिधि ने उपायुक्त को आवेदन देकर दुष्कर्म के आरोपी मनरेगा के कनीय अभियंता संदीप तिवारी के खिलाफ अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने की शिकायत की है।
महिला द्वारा कनीय अभियंता के खिलाफ दुष्कर्म करने एवं जान से मार देने की धमकी देने संबंधी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
किंतु आरोपी की मिलीभगत और पुलिस से ऊंची पहुंच के कारण वह कार्यालय में सामान्य रूप से कार्य कर रहा है। जबकि उच्च न्यायालय से उसकी अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया गया है।
पीड़िता ने इस संबंध में डीसी को दिए आवेदन में उल्लेख किया है कि कनीय अभियंता ने मनरेगा के कूप निर्माण संबंधी ग्रामीणों की योजनाओं से संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए अपने आवास पर बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया है।
पीड़िता ने कहा है कि वह आदिवासी महिला है उसके बाद भी पुलिस ने उसके आवेदन पर एसटी एक्ट की धारा प्राथमिकी में नहीं जोड़ी है।
इस मामले में हाई कोर्ट के द्वारा पुलिस को निर्देश दिया गया है कि आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए।
किंतु उसके बाद भी पुलिस उसे स्वतंत्र छोड़ दी है। नेत्री ने यह भी दावा किया है कि कनीय अभियंता को बचाने में संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी भी सक्रिय हैं।