रांची: कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि आदिवासियों की बहुप्रतीक्षित अलग सरना धर्म कॉलम के साथ जनगणना नहीं होगी, तो राज्य स्तर पर जनगणना का बहिष्कार का अभियान चल सकता है।
तिर्की ने बुधवार को कहा कि आदिवासी समुदाय लंबे समय से सरना नहीं तो जनगणना नहीं जैसे मुद्दे को लेकर विगत हुए कई जनगणना में मुखर होकर आंदोलन करते रहे हैं।
झारखंड सहित कई राज्यों के विधान मंडल ने इससे संबंधित प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे हैं। केंद्र सरकार को इस दिशा में यथाशीघ्र पहल करनी चाहिए।
वहीं दूसरी ओर जातिगत जनगणना कराने की मांग से संबंधित प्रस्ताव झारखंड विधानसभा से भी पारित कर केंद्र सरकार के पास भेजा जाए।
इसके लिए सरकार से पहल कराने की मांग की जाएगी। क्योंकि लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग देश में हो रही है।
वर्तमान केंद्र सरकार ने इस पर सहमति जताते हुए देश की संसद में उनका बयान आया है इस पर पहल हो।
उन्होंने कहा कि पिछड़े और अति पिछड़े समुदाय लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं।
जनगणना के अंतर्गत हम जानवरों तक की गणना करते हैं लेकिन पिछड़े, अति पिछड़ों के आंकड़े हमारे पास नहीं है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके कल्याण कि हम योजनाएं बनाते हैं। उनके आधिकारिक आंकड़े हमारे पास नहीं है।
उनके आंकड़े के आधार पर ही सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में इन्हें उचित प्रतिनिधित्व देने का रास्ता साफ हो सकता है।