नई दिल्ली: दिल्ली कैंट इलाके में 9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पीड़िता के परिजनों की पहचान उजागर करने के मामले में बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस डीएन पटेल की बेंच कर रही है।
हाईकोर्ट ने उस याचिका पर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया, जिसमें एनसीपीसीआर और दिल्ली पुलिस को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ संवेदनशील जानकारी का खुलासा करने और अपने ट्विटर हैंडल पर 9 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के परिवार की तस्वीरें प्रकाशित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एक याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।
इस मामले में याचिकाकर्ता मकरंड सुरेश मडलेकर ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जुवेलाइन जस्टिस एक्ट और पोस्को एक्ट (बाल यौन अपराध रोकथाम कानून) का उल्लंघन किया है।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने 4 अगस्त को पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी।
इस दौरान उन्होंने कहा था कि यह परिवार न्याय चाहता है और न्याय मिलने तक हम उनके साथ खड़े रहेंगे।
इसके बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीड़ित परिवार की पहचान उजागर की थी।
हालांकि, विवाद बढ़ने पर ट्विटर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस ट्वीट को हटा दिया है, जिसमें दुष्कर्म और हत्या की शिकार नाबालिग के परिवार वालों की पहचान उजागर हो रही थी।
इसी ट्वीट में उन्होंने पीड़िता के फैमिली वालों से मुलाकात की तस्वीर शेयर की थी।
राहुल गांधी का ट्वीट हटाने के साथ माइक्रोब्लॉगिंग साइट का कहना है कि यह उसके नियमों का उल्लंघन है।
वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने इस ट्वीट को लेकर दिल्ली पुलिस और ट्विटर से शिकायत की थी।
एनसीपीसीआर ने पीड़िता के परिवार की तस्वीर पोस्ट करने के लिए राहुल पर कार्रवाई की मांग की थी।