रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार से पूछा है कि रिम्स में सीटी स्कैन मशीन कब तक लगेगी और जेनेरिक दवाओं की बिक्री कब तक शुरू होगी।
झारखंड हाईकोर्ट ने रिम्स में जेनेरिक दवा की दुकान अब तक शुरू नहीं किये जाने पर कड़ी नाराजगी जतायी है।
कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य के गरीब लोगों को सस्ती दवाई कैसे मिलेगी।
सुनवाई के दौरान रिम्स की ओर से इस मामले में जवाब देने के लिए समय मांगा गया, जिस पर कोर्ट ने कहा कि रिम्स जवाब देने के लिए बार-बार सिर्फ समय मांगता है लेकिन कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं होता है।
हाईकोर्ट के अधिवक्ता आकाशदीप ने बताया कि इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हुई।
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान रिम्स की ओर से कोर्ट को बताया गया कि फिलहाल रांची सदर अस्पताल में जेनेरिक दवा की सप्लाई करने वाली कंपनी को ही रिम्स में भी दवा सप्लाई करने का काम सौंपने की तैयारी पूरी कर ली गयी है और रिम्स परिसर में स्थित दवाई दोस्त को हटाने का आदेश दे दिया गया है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका है लेकिन अभी तक रिम्स में सीटी स्कैन मशीन नहीं लग पायी है।
पूर्व में ही हाई कोर्ट इसको लेकर कई बार सरकार और रिम्स को आदेश दे चुका है।
हाई कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि कोर्ट चाहता है कि रिम्स सभी संसाधनों से परिपूर्ण हो जाये।
चिकित्सा से संबंधित उपकरण, दवा या अन्य मशीनों का ही मामला क्यों ना हो, रिम्स को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए किसी दूसरी कंपनी से इन वस्तुओं को आउटसोर्स करने की जरूरत ना पड़े।