शिमला: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर के निगुलसरी में 11 अगस्त को राष्ट्रीय उच्च मार्ग-पांच पर पहाड़ी दरकने से हुए भूस्खलन में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 10 लोग अभी भी लापता हैं।
निगुलसरी में शनिवार को चौथे दिन भी राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। बचाव दलों ने आज दो और शव को घटनास्थल से बरामद किया है।
यह जानकारी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक सुदेश कुमार मोक्टा ने दी।
उन्होंने बताया कि बचाव अभियान में जुटे आईटीबीपी, एनडीआरएफ एवं पुलिस के जवानों ने शनिवार सुबह एक महिला और एक पुरुष के शव मलबे के नीचे से निकाले हैं।
दोनों शव क्षत-विक्षत अवस्था में थे। उन्होंने कहा कि अब तक 19 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं।
हादसे में एचआरटीसी की एक बस, एक ट्रक, एक जीप और दो कारें भूस्खलन की चपेट में आए थे। जीप का अभी तक पता नहीं लग पाया है।
हादसे के 20 घंटे बाद एचआरटीसी बस का सुराग मिला। बस बुरी तरह चकनाचूर हो चुकी है और इसमें सवार 10 लोग अभी भी लापता हैं।
बस के चालक और परिचालक सहित 13 लोगों को बचाव दल सुरक्षित बचाने में कामयाब रहे हैं।
इस बीच जिला प्रशासन ने लापता 10 लोगों की सूची जारी की है। हादसे के बाद छह पुरुष और चार महिलाएं लापता हैं।
इनमें किन्नोैर निवासी सूर्य वंश, गुलपांची, दलीप सिंह, संतोश कुमारी, ज्वाला देवी, प्रभू लाल, कुल्लू निवासी मेहर चंद, नेपाल निवासी जगत ओली, खेम लाल गौरंग और विराज नाथ शामिल हैं।
भूस्खलन की ये भयानक घटना बीते बुधवार दोपहर 12 बजे के करीब हुई, जब राष्ट्रीय उच्च मार्ग से हिमाचल पथ परिवहन निगम की किन्नौर-हरिद्वार रूट की बस गुजर रही थी।
बस के साथ एक ट्रक, एक जीप और दो कारें भी भूस्खलन की जद में आ गईं थीं। अभी तक बचाव दलों ने 13 लोगों को सुरक्षित बचाया है।
इनमें दो गंभीर रूप से घायल हैं, जबकि 11 अन्य को आंशिक चोटें लगी हैं।
एनडीआरएफ के 56, आईटीबीपी की 17वीं बटालियन के 52 और पुलिस के 30 जवान राहत एवं बचाव अभियान में जुटे हैं।
राज्य सरकार ने हादसे में मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की फोैरी राहत देने की घोषणा की है।