नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर डॉ.बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी सरकार राष्ट्र के लिए उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, महापरिनिर्वाण दिवस पर महान डॉ.बाबासाहेब अंबेडकर को याद कर रहा हूं, जिनके विचार और आदर्श लाखों लोगों को शक्ति देते रहते हैं। हम उन सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो उन्होंने अपने राष्ट्र के लिए देखे थे।
भीमराव रणजी आंबेडकर जो डॉ.बी.आर.अम्बेडकर या बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय हैं, वे एक अर्थशास्त्री, शिक्षाविद, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक और भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे।
उनका जन्म मध्य प्रदेश में भीमाबाई मुरबादकर सकपाल और रामजी मालोजी सकपाल के यहां 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था।
बाबासाहेब जिंदगी भर भारतीय समाज में भेदभाव, पतन और अभाव के खिलाफ लड़ते रहे। वह आधुनिक बौद्ध आंदोलन को प्रेरित करने वाले और दलितों, महिलाओं और श्रम के सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाने वाले व्यक्ति थे।
डॉ.अंबेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री बने और वे भारत के संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे।
साल 1954 में दवाओं के साइडइफेक्ट के कारण और आंखों की कम होती रोशनी के कारण वे जून से अक्टूबर तक बिस्तर पर रहे। 1955 में उनकी तबीयत और बिगड़ गई।
6 दिसंबर, 1956 को द बुद्ध एंड हिज धम्म की पांडुलिपि को पूरा करने के तीन दिन बाद दिल्ली में अपने घर पर ही उनका नींद में ही निधन हो गया था।