काबुल: तालिबान ने मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित किया है। वह अफगानिस्तान में सत्ता हस्तांतरण के बाद तालिबानी सत्ता संभालेंगे।
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को 11 सितम्बर, 2001 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टॉवर पर हुए हमले से जुड़े होने के बाद पाकिस्तान के कराची से गिरफ्तार किया गया था।
हालांकि उसका नाम तालिबान कैदियों की सूची में सबसे ऊपर था लेकिन 2012 के अंत तक मुल्ला बरादर के बारे में बहुत कम चर्चा होती थी।
मुल्ला बरादर की अहमियत को इस बात से समझा जा सकता है कि गिरफ्तारी के समय उसे तालिबान के नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक माना जाता था।
इसके साथ ही उसको दूसरा-इन-कमांड भी कहा जाता था। वह उन प्रमुख आतंकियों में से एक है जो अमेरिका और अफगान सरकार के साथ बातचीत का समर्थन करता है।
समझौते को लेकर अमेरिका और तालिबान के बीच 2018 से ही बातचीत हो रही थी।
फरवरी, 2020 में इसके नतीजे के तौर पर दोनों पक्षों ने एक शांति समझौता किया। इसमें तय हुआ कि अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी सेनाओं को वापस बुलाएगा और तालिबान अमेरिकी सेनाओं पर हमला रोक देगा।
समझौते के अन्य वादों के मुताबिक तालिबान, अल-कायदा और अन्य आतंकी संगठनों को अपने नियंत्रण वाले इलाकों में पनपने नहीं देगा और अफगान सरकार से शांति स्थापित करने के लिए बातचीत करेगा।
अमेरिका ने समझौते के तहत सेनाओं की वापसी शुरू की लेकिन तालिबान ने शांति समझौते को ताक पर रखते हुए अफगानिस्तान के इलाकों पर कब्जा शुरू कर दिया।