नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने यस बैंक को 466 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में गिरफ्तार अवंता ग्रुप के संस्थापक गौतम थापर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने थापर को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
ईडी ने गौतम थापर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत पर भेजने की मांग की। पिछले 5 अगस्त को कोर्ट ने थापर को 15 अगस्त तक की ईडी हिरासत में भेजा था।
पिछले 4 अगस्त को कोर्ट ने थापर को एक दिन की ईडी हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।
थापर की ओर से पेश वकील विजय अग्रवाल ने कहा था कि धन सीजी पावर, आदित्य बिड़ला ग्रुप और एडेलवाइज बैंक के शेयरों को बंधक रखकर एकत्र किए गए थे।
उन्होंने कहा था कि थापर ने गलत तरीके से कोई धन अर्जित नहीं किया। थापर से यस बैंक ने ही करार किया था। यहां तक कि ईडी ने इस संबंध में कोई एफआईआर भी दर्ज नहीं की है।
सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि थापर ये नहीं बता सके हैं कि उन्होंने लोन का क्या किया।
ईडी ने कहा कि 2017 से लेकर 2019 तक थापर , अवंता रियल्टी और ओयेस्टर बिल्डवेल ने यस बैंक के साथ 466.51 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।
यस बैंक ने अपनी शिकायत में कहा है कि ओयेस्टर बिल्डवेल की एक सहयोगी कंपनी ने एक पावर प्लांट का ठेका लेने के लिए दिसंबर 2017 में दस सालों के लिए 515 करोड़ रुपये का लोन लिया था।
कंपनी लोन की ईएमआई नहीं दे रही, जिसके बाद उसे 30 अक्टूबर, 2019 को एनपीए करार दिया गया।
उल्लेखनीय है कि 2020 में सीबीआई ने यस बैंक के पूर्व एमडी राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 307 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में अवंता रियल्टी में रिश्वत के रूप में एक बंगला खरीदने के मामले में केस दर्ज किया था।