नई दिल्ली: तालिबान ने अफगानिस्तान के अधिकांश क्षेत्रों में कब्जा करने के बाद राजधानी काबुल पर भी पूरा नियंत्रण कर लिया है और अब नई सरकार को लेकर घोषणा की जा सकती है।
इधर बीजेपी से नाराज चल रहे राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आगाह किया है कि तालिबान, पाकिस्तान और चीन मिलकर भारत पर हमला बोल सकते हैं।
स्वामी ने एक ट्वीट के जवाब में लिखा कि भविष्य में कौन गलत या सही है, यह अनुमान लगाना समय की बर्बादी है। दोनों या अधिक संभावित परिणामों के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
एक अन्य ट्वीट में स्वामी ने लिखा कि महाभारत से लेकर महाराजा रंजीत सिंह तक अफगानिस्तान के क्षेत्र पर राज करने का इतिहास रहा है लेकिन फिर भी हम सेना भेजने से बचते रहे हैं।
मालूम भारत ने सोमवार को कहा था कि वह अफगानिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगा।
इसके साथ ही भारत ने यह भी कहा कि वह युद्धग्रस्त देश छोड़ने की इच्छा रखने वाले सिखों और हिंदुओं को आने के लिए सुविधाएं मुहैया कराएगा।
इस बीच काबुल पर तालिबान का नियंत्रण स्थापित हो जाने के बाद अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर अस्थिरता के बादल मंडरा रहे हैं और काबुल हवाई अड्डे पर से सभी वाणिज्यिक उड़ानों के परिचालन पर रोक लगा दी गयी है।
अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के एक दिन बाद भारत के शीर्ष रक्षा अधिकारियों, विदेश नीति से जुड़े प्रतिष्ठानों और वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों ने सोमवार को वहां तेजी से बिगड़ते हालात की समीक्षा की।
इस समीक्षा बैठक से संबंधित जानकारों ने बताया कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां तेजी से बिगड़ते हालात के मद्देनजर सरकार की प्राथमिकता अफगानिस्तान में फंसे लगभग 200 भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाना है। इनमें भारतीय दूतावास के कर्मी और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के दौरान काबुल में सुरक्षा स्थिति काफी खराब हो गई है।
मंत्रालय ने कहा, काबुल हवाई अड्डे पर वाणिज्यिक परिचालन को आज निलंबित कर दिया गया।
इससे लोगों की वापसी के हमारे प्रयासों पर रोक लग गई। हम प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए उड़ानों के पुन: शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।