रामगढ़: बांग्लादेश को पाकिस्तान से मुक्त कराकर भारत की भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एक नया इतिहास बनाया था।
आज बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के 50 वर्ष पूरे हो चुके हैं। वर्ष 1971 की यह लड़ाई वैश्विक पटल पर बेहद महत्वपूर्ण थी।
उस युद्ध में केवल भारत और पाकिस्तान ही शामिल नहीं थे। बल्कि दुनिया भर के देशों में इंदिरा गांधी द्वारा किए जा रहे कार्यों की गूंज स्पष्ट सुनाई दे रही थी।
यह बात बुधवार को रामगढ़ शहर के रांची रोड में कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित स्मरणोत्सव कार्यक्रम में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संयोजक कैप्टन प्रवीण डावर ने ने कही।
उन्होंने कहा कि कुशल राजनीतिज्ञ की तरह इंदिरा गांधी ने अमेरिका के खिलाफ सोवियत संघ रूस को खड़ा कर दिया था।
साथ ही चीन जैसे बड़े देश को भी राजनीतिक कुटिलता से पीछे धकेल दिया था। सबसे बड़ा नुकसान पाकिस्तान का किया था।
उन्होंने बांग्लादेश को अलग देश का दर्जा दिला कर यह साबित कर दिया था कि अगर भारत चाहे तो किसी भी देश को घुटने टीका सकता है।
उन्होंने थल सेना के साथ-साथ वायु सेना और नेवी की क्षमता से भी दुनिया को रूबरू करा दिया था।
कैप्टन डावर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सेना को पाकिस्तान को विभाजित करने और बांग्लादेश बनाने में 12 दिन लगे।
बांग्लादेश के निर्माण में इंदिरा गांधी की भूमिका के कारण उन्हें बांग्लादेश के सर्वोच्च पुरस्कार, बांग्लादेश स्वाधीनता समोना से सम्मानित किया गया था।
उन्होंने कहा कि विभिन्न इतिहासकारों ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में इंदिरा गांधी और भारतीय सेना की भूमिका की भी प्रशंसा की है।
उन्होंने कहा कि यह इंदिरा गांधी की इच्छा शक्ति और भारतीय सेना की ताकत थी कि 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने इंदिरा गांधी और उनके नेतृत्व की भूमिका को याद किया।
डा उरांव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 1971 के पहले बांलादेश, पाकिस्तान का एक प्रान्त था।
जिसका नाम ”पूर्वी पाकिस्तान” था। जबकि वर्तमान पाकिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान कहते थे।
कई सालों के संघर्ष और पाकिस्तान की सेना के अत्याचार और बांग्लाभाषियों के दमन के विरोध में पूर्वी पाकिस्तान के लोग सड़कों पर उतर आए थे।
1971 में आज़ादी के आंदोलन को कुचलने के लिए पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान के विद्रोह पर आमादा लोगों पर जमकर अत्याचार किए।
लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया और अनगिनत महिलाओं की आबरू लूट ली गई।
उरांव ने कहा कि भारत की प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने पड़ोसी देश होने के नाते इस जुल्म का विरोध किया और क्रांतिकारियों की मदद की।
इसका नतीजा यह हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी जंग हुई। इस लड़ाई में भारत ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिए। इसके साथ ही दक्षिण एशिया में एक नए देश का उदय हुआ।
विधायक ममता देवी ने कहा कि बांग्लादेश के उदय से हमारी प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की इच्छा शक्ति एवं विदेश नीति की जीत हुई।
सभा को विधायक ममता देवी, कर्नल समित साहा, सत्यनारायण पाठक, समाजसेवी वसंत हेमतसरिया ,सुशील टोप्पो, जयशंकर पाठक, शाहज़ादा अनवर, अवधेश सिंह, सीपी संतन समेत वरिष्ठ नेतागण ने संबोधित किया।
सभा का संचालन कार्यक्रम के समन्वयक मुकेश यादव ने किया । धन्यवाद ज्ञापन झारखंड प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष संजय पासवान ने किया ।