रोहतक: साध्वी यौन शोषण मामले में सुनारियां जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे बाबा राम रहीम की सुरक्षा में लापरवाही को लेकर बड़ा मामला सामने आया है।
जेल से एम्स दिल्ली ले जाने के दौरान बाबा की उनके अनुयायियों से मुलाकात करवाई गई है।
बाबा की सुरक्षा में तैनात डीएसपी ने ही अनुयायियों से मुलाकात करवाई है और मामले का खुलासा होने पर पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
पूरा विवाद डीजीपी के दरबार में पहुंचच गया है। डीजीपी ने रोहतक के एसपी से रिपोर्ट मांग ली है।
कार्य में कोताही बरतने वाले डीजीपी के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। इस मामले से सुरक्षा में तैनात दूसरे डीएसपी के ब्यान भी दर्ज किये है।
अब इस मामले में कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है, जबकि जेल अधीक्षक का कहना है कि उन्होंने सुबह साढे़ छह बजे बाबा राम रहीम को पुलिस को अस्पताल ले जाने के लिए सौंपा था, उन्हें आगे क्या हुआ बारे कोई जानकारी नहीं है।
सुनारियां जेल में सजा काट रहे बाबा राम रहीम को 13 जुलाई को पेट संबंधी बीमारी के टेस्ट करवाने के लिए डाक्टरों की सलाह पर दिल्ली एम्स के लिए भेजा गया था।
जेल प्रशासन के अनुसार सुबह करीब साढे़ छह बजे बाबा को रोहतक पुलिस के सुर्पद कर दिया था।
बताया जा रहा है कि बाबा की सुरक्षा के लिए डीएसपी सज्जन सिंह व डीएसपी शमशेर सिंह को लगाया गया था।
पुलिस अधिकारियों ने इसी बीच बाबा राम रहीम की दो महिला अनुयायियों से मुलाकात करवाई।
बाद में मामले का खुलासा हुआ तो डीएसपी सज्जन सिंह ने बताया कि मुलाकात डीएसपी शमशेर सिंह ने करवाई थी।
इस बारे में डीएसपी सज्जन सिंह ने पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की जानकारी दी और आलाधिकारियों ने जांच के आदेश दिये है।
बताया जा रहा है कि डीजीपी ने भी रिपोर्ट तलब की है। मामले का डीएसपी मुख्यालय गोरखपाल का कहना है कि इस तरह का मामला हुआ है, लेकिन उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है।
जबकि जेल अधीक्षक सुनील सांगवान का कहना है कि उन्हें तो 13 जुलाई की सुबह बाबा को पुलिस के सुर्पद कर दिया था और आगे की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।