रामगढ़: रामगढ़ जिले के गोला थाना क्षेत्र में 21 अगस्त को राजेंद्र मांझी की हत्या मामले का खुलासा हो गया है।
मंगलवार को एसपी प्रभात कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जमीन विवाद के कारण तांडव निवासी राजेंद्र मांझी को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
राजेंद्र की हत्या की साजिश नर्सिंहडीह निवासी सुनील कुमार हेंब्रम ने रची थी।
इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए सुनील ने टांडिल गांव निवासी महावीर मांझी को अपने साथ मिलाया था।
एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि 21 अगस्त को राजेंद्र मांझी अपनी पत्नी और बहन के साथ रजरप्पा में पूजा करने गया था।
वहीं से लौटने के दौरान टांडिल इमली चौक के पास अपराधियों ने उसे गोली मार दी थी।
बिहार के भागलपुर से बुलाए गए थे बदमाश
राजेंद्र मानसी की हत्या करने के लिए बिहार राज्य के भागलपुर जिले से अपराधियों को बुलाया गया था।
उन लोगों को हत्याकांड को अंजाम देने के बाद मोटी रकम देने का वादा किया गया था।
जब अपराधी हत्याकांड को अंजाम देकर फरार हुए, तो उन लोगों ने सुनील से पैसे के लिए भी संपर्क किया था।
एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि राजेंद्र मांझी की हत्या कांड के बाद अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए डीएसपी हेड क्वार्टर संजीव कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एक विशेष छापेमारी दल गठित किया गया था।
संजीव कुमार मिश्रा ने सबसे पहले फरार अपराधी और हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता सुनील कुमार हेंब्रम को गिरफ्तार किया।
उसके पास से एक देसी कट्टा, दो जिंदा गोली और हत्याकांड में प्रयुक्त हुई हीरो हौंडा स्प्लेंडर मोटरसाइकिल जेएच 09 एएन 7753 जब्त की गई है। इसके बाद पुलिस ने उसके साथी महावीर मांझी को गिरफ्तार किया।
एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि चोपादारू घाटी के जंगल में सुनील और महावीर अपने साथियों के साथ मिलकर अपराध की योजना बना रहे थे।
छापेमारी के दौरान वहां से तीन बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। उन लोगों के खिलाफ इस मामले में एक अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है।