नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए राज्य सरकार के न्यायिक आयोग को निरस्त करने की मांग वाली याचिका जब तक सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तब तक राज्य सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि केंद्र सरकार ने जांच नहीं की, इसलिए हमने आयोग बनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई मुख्य मामले के साथ होगी। मामले का असर राष्ट्रव्यापी होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को मुख्य याचिकाओं के साथ टैग कर दिया। पेगासस से जुड़ी सभी मामलों की सुनवाई अगले हफ्ते हो सकती है।
18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिका ग्लोबल विलेज फाउंडेशन नामक एनजीओ ने दायर किया है।
याचिका में कहा गया है कि इस मामले की जांच राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा किये जाने की जरूरत है।
याचिका में कहा गया कि इस मुद्दे की गंभीरता और देश के नागरिकों पर उसके प्रभाव तथा सीमा के पार से होने वाले परिणामों को देखते हुए पेगास मामले की गंभीर जांच की ज़रूरत है।
उसकी अलग-अलग जांच नहीं कि जा सकती है, जैसा पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जांच की कोशिश की गई है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में एक जांच पैनल गठित किया है।
याचिका में कहा गया है कि जस्टिस लोकुर की अध्यक्षता में बना जांच पैनल राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसले की जांच करने वाला है, जो कि केंद्र सरकार के दायरे में है।