खूंटी: खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर बुधवार को अपराह्न लगभग साढ़े तीन बजे हुए दर्दनाक सड़क हादसे में चार लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी।
मृतकों में कन्हैया जैन (43), उनकी पत्नी रामा जैन (40), उनके बेटे ऋषभ जैन (12) और बेटी नित्या जैन (ढाई साल) शामिल हैं।
दुर्घटना में कन्हैया का भतीजा वशिष्ट जैन और भतीजी वंशिका जैन गंभीर रूप से घायल हो गये।
दोनों को तोरपा रेफरल अस्तपाल में प्रारंभिक इलाज के बाद रिम्स रांची रेफर कर दिया गया।
सभी मृतक और घायल 7/8 एरिया सिविल टाउनशिप, पानपोश जिला सुंदरगढ़, ओड़िशा के रहने वाले हैं।
जानकारी के अनुसार कन्हैया जैन अपनी बहन से राखी बंधवाने के बाद अपनी ससुराल रानीगंज पश्चिम बंगाल गये थे।
वहां से रक्षाबंधन मनाकर सभी रांची होकर अपनी इनावा कार (ओडी 14आर 4959) से पानपोश लौट रहे थे।
तोरपा थाना क्षेत्र के चुरगी नदी के पास चालक ने कार से नियंत्रण खो दिया और कार एक पेड़ से टकराकर उलट गयी। इसमें चार लोगों की मौत हो गयी।
कन्हैया और उनकी पत्नी का शव दुर्घटनाग्रस्त कार में बुरी तरह फंस गये थे। गैस कटर से काटकर कार से दोनों शवों को बाहर निकाला गया।
घटना की सूचना मिलते ही रांची, खूंटी और राउरकेला से उनके कई शुभचिंतक तोरपा अस्पताल पहुंचे।
मृतक कन्हैया जैन के बड़े भाई मनोज जैन और अन्य रिश्तेदार भी अस्पताल पहुंचे। चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल खूंटी भेज दिया गया।
मृतक कन्हैया के बड़े भाई ने बताया कि कार में अरुण नामक चालक भी था, पर न वह घटनास्थल पर था और न ही अस्पताल पहुंचा।
आशंका व्यक्त की जाती है कि घटना के बाद चालक फरार हो गया।
घटना की सूचना मिलते ही तोरपा के अनुमंडल पदाधिकारी ओम प्रकाश तिवारी, इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह, थाना प्रभारी अरविंद कुमार और अन्य पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और शवों का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पातल भेजा।
मामले की जानकारी मिलते ही खूंटी चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विनोद जायसवाल, मारवाड़ी युवा मंच के संजय अग्रवाल, सुनील सरावगी, गणेश सरावगी सहित कई लोग अस्पताल पहुंचे और मृतकों को ढाढ़स बंधाया।
डेंजर जोन बन गया चुरगी नदी का मोड़
तोरपा थाना क्षेत्र के जिस स्थान पर यह भीषण दुर्घटना हुई, वह स्थान डेंजर जोन बन चुका है।
दो महीने के अंदर एक दर्जन से अधिक दुर्घटनाएं वहां हो चुकी हैं। तीन दिन पहले ही वहां रासायनिक पदार्थ लदा एक टैंकर पलट गया था।
इसके पहले भी कई घटनाएं वहां हो चुकी हैं। बताया जाता है कि सड़क पर ठेकेदार ने गड्ढों को भरने के नाम पर इतना अधिक अलकतरा डाल दिया है कि हल्की बारिश में भी सडक पर फिसलन हो जाती है।
जैसे ही गाड़ी में ब्रेक लगाया जाता है, गाड़ी फिसलकर दूसरी ओर चची जाती है। इतनी दुर्घटना के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं खुली है।
यही कारण है कि उक्त स्थान पर आज तक न तो कोई गति अवरोधक बनाया गया है और न ही दुर्घटना क्षेत्र संबंधी कोई साइनेज लगाया गया है।
ग्रामीणों ने उक्त स्थान पर अविलंब स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग की है।