पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार खरबों की राष्ट्रीय सम्पत्ति निजी कंपनियों को क्यों बेच रही है अगर केंद्र सरकार राष्ट्र की संपत्ति में इज़ाफ़ा नहीं कर सकती तो दशकों की मेहनत से बनायी गयी परिसंपत्तियों को औने-पौने दामों पर बेचकर राष्ट्र का नुकसान क्यों रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने गुरुवार को बयान जारी करते हुए कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों, संसाधनों और देश की राष्ट्रीय संपत्ति को कथित सुधारों की आड़ में कॉरपोरेट्स को बेचना ग़रीबों, कमजोर वर्गों और देश के हितों के खिलाफ है।
उन्होंने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय सरकार की निजीकरण के माध्यम से सरकारी नौकरियों को समाप्त करने तथा सरकारी नौकरियों एवं सार्वजनिक उपक्रमों में वंचित वर्गों के आरक्षण को ख़त्म करने की एक दीर्घकालिक भयावह योजना है।
तेजस्वी ने कहा है कि राजद अपने लोकतांत्रिक समाजवादी भारत को चंद पूँजीपतियों के हाथों में बेचने और गिरवी रखने के इस प्रयास के खिलाफ अंत तक लड़ेगी।
और राज्य की डबल इंजन सरकार को यह बताना चाहिए कि कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को राष्ट्रीय संपत्ति बेचने से देशवासियों और अर्थव्यवस्था को कैसे मदद मिलेगी।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार बताए कि उसे राष्ट्र की परिसम्पत्तियां बेचने की क्या मजबूरी है। क्या यह एनडीए सरकार की नाकामी और अदूरदर्शिता नहीं है।