नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गुरुवार को आयोजित इस बैठक में ‘ब्रिक्स लीडर्स समिट 2021’ के पहले ब्रिक्स फाइनेंस एजेंडे के निष्कर्षों को अंतिम रूप देने पर चर्चा हुई।
इस बैठक में ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों ने भाग लिया।
निर्मला सीतारमण ने ब्रिक्स समकक्षों के साथ अंतर-ब्रिक्स सहयोग के मुख्य क्षेत्रों पर चर्चा किया, जो ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं के सुधार को समर्थन देने और व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में अहम होंगे।
वहीं, इनसे भविष्य की अनिश्चितताओं और खतरों से सुरक्षा मिलेगी। सीतारमण ने जोर देकर कहा कि कोविड-19 महामारी जैसे संकट से निपटने में ब्रिक्स अहम भूमिका निभा रहा और आगे भी निभाता रहेगा।
बैठक के दौरान एफएमसीबीजी ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों के बयान तथा महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने में ब्रिक्स देशों के नीतिगत अनुभवों के औपचारिक ब्योरे के साथ कोविड-19 संकट पर प्रतिक्रिया का अनुमोदन किया।
अध्यक्ष के तौर पर सीतारमण ने कहा कि वैश्विक समुदाय के सामने भारत इस बयान को काफी महत्व देता है, क्योंकि इससे महामारी के बाद के सुधार पर वर्तमान अंतरराष्ट्रीय नीतिगत संवाद को रेखांकित करने वाले महत्वपूर्ण पहलुओं पर ब्रिक्स देशों के विचारों को सर्वसम्मति से एक आवाज मिलती है।
ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों ने सीमा शुल्क से जुड़े मामलों में कोऑपरेशन एंड म्युचुअल एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंस (सीएमएए) के विवरण पर बातचीत के निष्कर्षों के साथ ही सीमा शुल्क से संबंधित अन्य मामलों की प्रगति पर विचार-विमर्श का भी स्वागत किया।
साथ ही आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में केंद्रीय बैंकों से जुड़े मुद्दों और उनके निष्कर्षों पर हुए विचार-विमर्श की अध्यक्षता की, जिनमें वित्तीय समावेशन, कंटिंजेंस रिजर्व अरैंजमेंट (सीआरए) और सूचना सुरक्षा सहयोग शामिल हैं।
इसके अलावा सीतारमण और दास ने ब्रिक्स फाइनेंस के महत्वपूर्ण और प्रासंगिक वितरण को तैयार करने और अंतिम रूप देने में भारतीय अध्यक्षता को अपना सहयोग तथा समर्थतथा देने के लिए ब्रिक्स देशों की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर्स की पहली बैठक की अध्यक्षता भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था।
ब्रिक्स दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) का संगठन है।
इन देशों में दुनिया की 41 फीसदी आबादी रहती है। वैश्विक जीडीपी में इन देशों का 24 फीसदी और वैश्विक व्यापार में 16 फीसदी हिस्सा है।