नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने जंतर-मंतर पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाने के आरोपित हिन्दू रक्षा दल के नेता भूपेंद्र तोमर ऊर्फ पिंकी चौधरी को कोई राहत देने से इनकार कर दिया है।
जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने पिंकी चौधरी की अग्रिम ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी।
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने 23 अगस्त को पिंकी चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
एडिशनल सेशंस जज अनिल अंतिल ने कहा कि हमारा देश तालिबान नहीं है। यहां कानून का शासन है जहां बहुसांस्कृतिक समाज के लोग रहते हैं।
कोर्ट ने कहा कि जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं कुछ लोग असहिष्णु और स्वकेंद्रित विश्वास पर टिके हुए हैं।
कोर्ट ने कहा कि आरोपित के खिलाफ लगे आरोप गंभीर हैं और प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि आरोपित संबंधित अपराध में शामिल था।
कोर्ट ने कहा था कि इतिहास ने भी ऐसी घटनाओं को माफ नहीं किया है जिसमें सांप्रदायिक तनाव की वजह से दंगे हुए और कई जानें गईं और संपत्तियों को नुकसान हुआ।
इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने पिछले 11 अगस्त को वकील अश्विनी उपाध्याय को जमानत दे दी थी।
दिल्ली पुलिस ने 9 अगस्त को अश्विनी उपाध्याय और बाकी आरोपितों को पूछताछ के लिए बुलाया था।
पूछताछ के बाद 10 अगस्त को सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 9 अगस्त को एफआईआर दर्ज की थी।
बता दें कि 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर भारत जोड़ो आंदोलन के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया था जिसमें धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी की गई थी।