नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि आज का युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है।
वह नया रास्ता बनाना चाहता है। देश का युवा मन अब सर्वश्रेष्ठ की तरफ अपने आपको केन्द्रित कर रहा है।
वह सर्वोत्तम करना चाहता है और सर्वोत्तम तरीके से करना चाहता है। यह राष्ट्र की बहुत बड़ी शक्ति बनकर उभरेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 80वीं कड़ी में देश को संबोधित करते हुए कहा कि युवा नये रास्ते बनाना चाहते हैं।
मंजिल भी नयी, लक्ष्य भी नये, राह भी नयी और चाह भी नयी। युवा एक बार मन में ठान लेता है और उस कार्य में जी-जान से जुट जाता है।
उन्होंने कहा कि युवा दिन-रात मेहनत कर रहा है। हम देखते हैं कि अभी कुछ समय पहले ही भारत ने अपने स्पेस सेक्टर को खोला तो देखते ही देखते युवा पीढ़ी ने उस मौके को पकड़ लिया। उसका लाभ उठाने के लिए नौजवान बढ़-चढ़कर आगे आए हैं।
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मुझे पक्का भरोसा है कि आने वाले दिनों में बहुत बड़ी संख्या ऐसे सैटेलाइट्स की होगी, जिसको लेकर हमारे युवाओं ने, हमारे छात्रों ने, कॉलेज और विश्वविद्यालयों ने, प्रयोगशाला में काम करने वाले छात्रों ने काम किया होगा।
आगे उन्होंने कहा कि आज हर परिवार में नौजवान परंपराओं से हटकर यह कहता है कि मैं स्टार्ट-अप करूंगा।
आज छोटे-छोटे शहरों में भी स्टार्ट-अप कल्चर का विस्तार हो रहा है। मैं उसमें उज्ज्वल भविष्य के संकेत देख रहा हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही हमारे देश में खिलौनों की चर्चा हो रही थी।
जब हमारे युवाओं के ध्यान में यह विषय आया तो उन्होंने भी मन में ठान लिया कि दुनिया में भारत के खिलौनों की पहचान बने। वे नए-नए प्रयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया में खिलौनों का बाजार 6-7 लाख करोड़ रुपये का है।
आज भारत का हिस्सा बहुत कम है। लेकिन खिलौने कैसे बनाना है और खिलौने की विविधता क्या हो, उसकी तकनीक क्या हो, बच्चों के मनोविज्ञान के अनुरूप खिलौने कैसे हों, इन बातों पर आज हमारे देश का युवा ध्यान केन्द्रित कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का युवा मन अब सर्वश्रेष्ठ की तरफ अपने आपको केन्द्रित कर रहा है।