हरियाणा: हरियाणा के करनाल जिले के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर किए गए लाठीचार्ज को लेकर प्रदेश सरकार पर विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है।
इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों से मिलने अस्पताल पहुंचे।
उन्होंने हरियाणा सरकार को तालिबानी सरकार बताते हुए कहा कि सरकार को इस लाठीचार्ज का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। टिकैत ने कहा इस मुद्दे पर कल करनाल में आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर हरियाणा पुलिस ने शनिवार को करनाल में लाठीचार्ज किया।
इस दौरान पुलिस के कई किसानों को दौड़ाकर पीटा। घटना के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें पुलिस किसानों पर लाठी बरसाते दिख रही हैं।
लाठीचार्ज में कई किसान घायल हो गए। कईयों के सिर फूट गए हैं। किसान संगठनों ने लाठीचार्ज की निंदा की है।
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
कांग्रेसी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, हरियाणा में कांग्रेस मामलों के प्रभारी विवेक बंसल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष सैलजा ने इसे अमानवीय और पूरी तरह से अलोकतांत्रिक करार दिया है तो इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने भी इसकी कड़ी निंदा की है।
कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने कहा प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार किसानों का खून बहा रही है।
इसने अंग्रेजों के अमानवीय शासन की याद दिला दी। सरकार पिछले नौ महीनों से किसानों की प्रताड़ना की गाथा लिख रही है।
अंबाला, सिरसा, पलवल और राजस्थान सीमा तक कमोबेश यही हाल है।
करनाल में एक अधिकारी के चर्चित वीडियो से साफ हो गया है कि हुक्मरानों ने किसानों पर लाठियां बरसाकर हमला करने का आदेश दिया था।
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा अन्नदाता पर लाठियां बरसाना अलोकतांत्रिक और बेहद अमानवीय कदम है।
लोकतंत्र में सभी को विरोध दर्ज करने का संवैधानिक हक है। सरकार लाठी-गोली से नहीं, लोगों का दिल जीतकर चलती है।
ऐसा लगता है कि सरकार पहले ही ऐसा करने का मन बना चुकी थी। इस घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।