कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिला अंतर्गत बसीरहाट थाना क्षेत्र में गैरकानूनी तरीके से सीमा पार करने की कोशिश के दौरान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हाथों गिरफ्तार जहांगीर विश्वास नाम का बांग्लादेशी युवक तालिबान से जुड़ा रहा है।
बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के साथ उसके संबंधों का खुलासा पहले ही हो चुका है।
गत 15 अगस्त को अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान के कब्जे के बाद चेन्नई में उसने अपने 10 अन्य साथियों के साथ मिलकर उपद्रव करने की कोशिश की थी जिसकी भनक सुरक्षा एजेंसियों को लग गई थी।
इसीलिए गिरफ्तारी से बचने के लिए वह पश्चिम बंगाल के जरिए बांग्लादेश की सीमा पार कर भागने की फिराक में था।
हालांकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उसकी गिरफ्तारी में जुट गई थी और पश्चिम बंगाल पुलिस के साथ-साथ बीएसएफ को अलर्ट कर दिया गया था।
गुरुवार शाम बसीरहाट क्षेत्र के घोजाडांगा सीमा के पास से गैर कानूनी तरीके से बांग्लादेश जाने की कोशिश के दौरान बीएसएफ ने उसे धर दबोचा।
उसकी गिरफ्तारी के एक दिन बाद शुक्रवार को एनआईए की तीन सदस्यीय टीम बसीरहाट आई थी और पुलिस हिरासत में उससे पूछताछ की गई है।
इसके अलावा तमिलनाडु से चेन्नई पुलिस की टीम भी आई है जो जहांगीर से पूछताछ कर रही है।
एनआईए सूत्रों ने बताया है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जहांगीर ने 10 अन्य बांग्लादेशी युवकों के साथ मिलकर चेन्नई में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की कोशिश की थी। वह पूरे गिरोह का सरगना था।
मूल रूप से बांग्लादेश के सतखीरा जिले के रहने वाले 28 वर्षीय जहांगीर आठ साल पहले अवैध तरीके से सीमा पार कर पश्चिम बंगाल आया था जहां से चेन्नई जाकर मजदूरी करता था।
वहां कई बांग्लादेशी इसके साथ काम करते थे जिन्होंने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद चेन्नई में लूट, मंदिर में तोड़फोड़ और अन्य हिंसक वारदातों को अंजाम देने की कोशिश की थी।
दो साथियों की गिरफ्तारी के बाद जहांगीर चेन्नई से भागकर बंगाल आ गया था और अवैध तरीके से फिर सीमा पार करने की कोशिश में था।
एनआईए को इसकी भनक लग गई थी जिसके बाद बंगाल पुलिस और बीएसएफ को इसके बारे में अलर्ट कर दिया गया था।