गुवाहाटी: राज्य में कोरोना की स्थिति में लगातार सुधार होते देख असम सरकार ने बुधवार को कोरोना प्रोटोकॉल के मद्देनजर जारी प्रतिबंधों में काफी हद तक ढील देने का फैसला किया है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में असम राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की ओर से जारी पाबंदियों में ढील दिये जाने संबंधी नई एसओपी की जानकारी दी।
नई एसओपी के तहत पूरे राज्य में रात्रिकालीन कर्फ्यू में छूट देते हुए रात नौ से सुबह पांच बजे तक अब कर्फ्यू रहेगा। वहीं रात 8 बजे तक होटल-रेस्टोरेंट-ढाबा, व्यापार-व्यवसायिक प्रतिष्ठान, बिक्री केंद्र, शोरूम, किराना स्टोर, फल, सब्जी की दुकानें आदि खुल सकती हैं।
अब तक जिन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को एक भी कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी है, उन्हें अगले तीन दिनों के भीतर कोरोना की वैक्सीन लेनी होगी।
प्रत्येक सरकारी कार्यालय के प्रमुख को इस बात की जांच करनी होगी कि उनके कार्यालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कोरोना की वैक्सीन ली है या नहीं।
मुख्य अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि जिन अधिकारियों को अभी तक टीका नहीं लग पाया है, उन्हें अगले तीन दिनों के भीतर पहली डोज लेना आवश्यक है।
इसी कड़ी में कुछ शर्तों के साथ राज्य के सभी जिलों को शामिल करते हुए अंतर जिला यातायात के मामले में सरकारी और गैर सरकारी वाहनों के परिचालन को इजाजत दी गयी है।
सभी वाहन अपनी 100 प्रतिशत क्षमता के साथ यातायात कर सकते हैं। हालांकि, वाहनों में सीट से अधिक संख्या में यात्रियों को नहीं उठा सकते हैं।
अगर किसी वाहन में यात्री को खड़े हुए अवस्था में पाया जाता है तो यात्री पर जुर्माना लगाने के साथ ही वाहन के चालक का अनुज्ञा पत्र और वाहन का पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने रात्रिकालीन कर्फ्यू के दौरान भी रात्रि बस सेवा को चलने की अनुमति दिया है।
अंतर जिला यात्रा के संबंध में उन व्यक्तियों को इजाजत मिलेगी, जिन्होंने कोरोना की कम से कम एक टीका लगवाया हो। साथ ही यात्रा के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य है।
ऑटोरिक्शा, साइकिल रिक्शा, टैक्सियों के मामले में भी 100 फीसदी सीटों पर यात्री परिवहन की भी अनुमति दी गयी है।
हालांकि, यात्रियों को कम से कम कोरोना का एक टीका लगवाने और मास्क पहनना अनिवार्य है।
कोरोना का कम से कम एक टीक लगवाने ही दो व्यक्ति बाइक यात्रा कर सकते हैं।
साथ ही मास्क पहनना अनिवार्य है। निजी छोटे वाहनों में चलने पर भी सभी मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
शिक्षण संस्थानों के मद्देनजर भी कई तरह की छूट और पाबंदी जारी की गयी है।
इसमें पोस्ट ग्रेजुएट या समकक्ष पाठ्यक्रमों, स्नातक या समकक्ष पाठ्यक्रमों और उच्च माध्यमिक के अंतिम वर्ष के मामले में कक्षाओं में शिक्षण की अनुमति दी गयी।
हालांकि, एक कक्षा में अधिकतम 30 छात्र एक साथ पढ़ाई कर सकेंगे। शिक्षण संस्थान के प्रमुख आवश्यक छात्रों की संख्या के अनुसार अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था करेंगे।
छात्रों को स्नातकोत्तर या समकक्ष पाठ्यक्रमों, स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों और उच्च माध्यमिक अंतिम वर्ष के सभी विद्यालयों को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लेना अनिवार्य है।
हायर सेकेंडरी के फाइनल ईयर में 18 साल से ऊपर के विद्यार्थियों को कोरोना का टीका लगवाने के बाद ही कक्षाओं में प्रवेश कर सकते हैं।
उच्चतर माध्यमिक के अंतिम वर्ष के वे विद्यार्थी जिनकी उम्र अभी 18 साल हुई है, उनको भी कोरोना का एक टीका लेने के बाद ही कक्षा में प्रवेश की अनुमति होगी।
नई एसओपी में यह कहा गया है कि गुरुवार से अगले तीन दिनों में सभी शिक्षण संस्थानों के प्रोफेसरों, शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों (18 वर्ष से ऊपर) को विद्यालय प्रबंधन द्वारा यह सुनिश्चित कराना होगा कि सभी कोरोना का टीका लेने के बाद ही शिक्षण परिसर और क्लास रूम में प्रवेश करें।
पूरे शिक्षण संस्थान के परिसर को कीटाणु रहित बनाने पर भी जोर देना होगा। अगले सोमवार (6 सितम्बर) से क्लास रूम में शिक्षण प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
स्नातकोत्तर या समकक्ष पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष, स्नातक या समकक्ष पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष और उच्च माध्यमिक के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास खोलने के लिए अनुमति दी गयी है।
हालांकि, केवल उन्हीं छात्रों को छात्रावास में रहने की इजाजत होगी जिन्होंने कोरोना का दोनों टीका लगाया है।
सभागार या पब्लिक मीटिंग हॉल जैसे कक्षों में विशेष समारोह में बैठने की कुल सीट क्षमता के 50 प्रतिशत की भागीदारी के लिए ही अनुमति दी जाएगी।
वहीं खुली बैठकों, सामाजिक एवं सार्वजनिक कार्यक्रमों में अधिकतम 50 लोग जो कोरोना की कम से कम एक डोज लगवा चुके हैं, को हिस्सा लेने की अनुमति दी गयी है।
इस संबंध में स्थानीय पुलिस को पहले से सूचित करना होगा। जिलाधिकारी से अनुमति प्राप्त सभा, समिति एवं समारोह में अधिकतम 200 लोग (कम से कम कोरोना का एक टीका लगवाने वाले) भाग ले सकेंगे।
इसी तरह अधिकतम 50 लोग घरेलू शुभ आयोजनों जैसे, विवाह आदि में भाग ले सकेंगे। साथ ही यह शर्त भी है कि वे ही लोग भाग ले सकेंगे जिन्होंने कम से कम कोरोना का एक टीका लगवाया है। अंतिम संस्कार में अधिकतम 50 लोग भाग ले सकेंगे।
राज्य के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों (कामाख्या मंदिर, शिवसागर में शिवदौल, अजानपीर दरगाह, हाजो में पौवा मक्का आदि) में प्रति घंटे अधिकतम 40 लोगों को जाने की अनुमति है। अन्य धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए प्रति घंटे 20 लोगों के जाने की अनुमति होगी।
साथ ही धार्मिक स्थलों पर जाने वाले लोगों को कोरोना का कम से कम एक टीका लगवाना अनिवार्य होगा।
साप्ताहिक बाजारों को लेकर जारी प्रतिबंधों में बदलाव करते हुए अधिकतम छह घंटे के के लिए खोलने की अनुमति दी गयी है। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन कार्यक्रम और संबंधित नियम तय करेगा।
हवाई यात्रियों के संबंध में नई एसओपी में कहा गया है कि जिन यात्रियों ने कोरोना की दोनों खुराक ले लिया है उन्हें हवाई अड्डे पर कोरोना जांच की जरूरत नहीं होगी।
जिन हवाई यात्रियों एक टीका लगाया है या नहीं लगवाया है उनको कोरोना की जांच कराना होगा।
जिन हवाई यात्रियों को टीका नहीं लगाया गया है, उनके लिए एयरपोर्ट पर 250 रुपये की रियायती कीमत पर आरटी-पीसीआर कोविड टेस्टिंग अनिवार्य है।